नोएडा : CAG की रिपोर्ट में 45 लाख वर्गमीटर पर अवैध कब्जा ..!
एनफोर्समेंट सेल की नजर में रहेगी निर्माणाधीन इमारत …
CAG की रिपोर्ट में 45 लाख वर्गमीटर पर अवैध कब्जा, इन्होंने बिना परमीशन कर लिया निर्माण
नोएडा 19 हजार 600 हेक्टेयर जमीन पर बसाया गया। इसके 45 लाख वर्गमीटर जमीन पर अवैध कब्जा है। इसकी कीमत लगभग 16 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। ये आकड़ें सीएजी की रिपोर्ट बता रही हैं। ये निर्माण बिना नक्शा पास कराए, बिना किसी प्रकार की एनओसी लिए और अनुमति लिए बनाए गए। अब ऐसा नहीं होगा , इसके लिए प्राधिकरण ने एनफोर्समेंट सेल बना दिया है। इस सेल में 20 जूनियर इंजीनियरों होंगे। इनकी नियुक्ति आउटसोर्सिंग से की जाएगी।
जिनका काम सिर्फ ये देखना होगा कि नोएडा में स्वीकृत नक्शे (ले आउट प्लान) के अनुसार निर्माण हो रहा है या नहीं। इनकी डयूटी होगी कि वे साइट पर जाए और निरीक्षण करे। इस कदम का उद्देश्य स्वीकृत योजनाओं का उल्लंघन करके निवासियों और डेवलपर्स द्वारा किए गए अवैध निर्माण पर अंकुश लगाना है। ये काम पहले होता तो करीब 45 लाख वर्गमीटर जमीन पर अवैध निर्माण नहीं होता। हालांकि अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी प्राधिकरण के लैंड विभाग की है। आपसी तालमेल की कमी से ऐसा हुआ।
अवैध निर्माण और कब्जे (अधिसूचित जमीन) को लेकर क्या कहती है सीएजी की रिपोर्ट
2017 में शासन ने प्राधिकरण के कार्य का ऑडिट सीएजी से कराया था। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट बताया कि नोएडा के दस वर्क सर्किल में करीब शहर की 45 लाख 26 हजार 464 वर्गमीटर जमीन पर अवैध कब्जा है। जिसकी कीमत करीब 16 हजार करोड़ रुपए है। जमीन की कीमत का आकलन 36 हजार 200 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर यानी आवासीय दर से किया गया। ये रिपोर्ट सामने के बाद प्राधिकरण ने एनआईसी से एक सर्वे कराया। इस सर्वे में उसने अवैध निर्माण और लैंड की लोकेशन देखी, जिससे लैंड बनाया जा सके। सर्वे के आधार पर लैंड ऑडिट कराया जा सके। ये काम अभी प्राधिकरण के विभिन्न विभागों की ओर कराया जा रहा है।
सर्किल | अवैध कब्जा (वर्गमीटर) | रुपए |
वर्क सर्किल-1 | 97,500 | 3529500000 |
वर्क सर्किल-2 | 71,808 | 2599449600 |
वर्क सर्किल-3 | 2,27,849 | 8248133800 |
वर्क सर्किल-4 | 43,950 | 1590990000 |
वर्क सर्किल-5 | 3,29,821 | 11939520200 |
वर्क सर्किल-6 | 3,46,466 | 12542069200 |
वर्क सर्किल-7 | 95,840 | 3469408000 |
वर्क सर्किल-8 | 4,61,169 | 166944317800 |
वर्क सर्किल-9 | 10,47,901 | 37934016200 |
वर्क सर्किल-10 | 18,04,160 | 65310592000 |
अवैध निर्माण (नक्शे के अनुरूप नहीं बनाना) को लेकर नोएडा सुर्खियों में रहा
नोएडा में अवैध निर्माण को लेकर दो मामले बड़े सुर्खियों में रहे।
- पहला सेक्टर-93ए में सुपरटेक की टि्वन टावर। जिनका निर्माण नक्शा के अनुसार नहीं किया गया। अवैध रूप से यहां फ्लोर बनाए गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 28 अगस्त को इसे बम लगाकर ध्वस्त किया गया।
- सेक्टर-93बी ग्रेंड ओमेक्स सोसाइटी का है। यहां श्री कांत त्यागी और सोसाइटी वासी अवैध निर्माण को लेकर आमने सामने आ गए थे। जिसके बाद प्राधिकरण ने यहां बड़ी कार्यवाही की। इस मामले में लॉ एंड आर्डर की नौबत आ गई थी।
अवैध निर्माण (प्राधिकरण निगरानी जमीन पर) यमुना और हिंडन का डूब क्षेत्र
नोएडा में करीब 5 हजार हेक्टेयर में यमुना का डूब क्षेत्र है। बाढ़ की वजह से यहां 1 हजार से ज्यादा बने अवैध फार्म हाउस डूब गए थे। इसी तरह हिंडन नहीं के किनारे करीब 7 हजार मकान डूब गए थे। ये सभी अवैध है। ये जमीन तो सिचाई विभाग की है लेकिन निगरानी का काम नोएडा प्राधिकरण का है। यहां दोबारा से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसको लेकर प्रशासन अलर्ट है।
इन गांवों में हुए अवैध कब्जे
सरकारी जमीन पर , सर्फाबाद गढ़ी चौखंडी, छिजारसी, ममूरा, बरौला, भंगेल, सलारपुर, चौड़ा, गिझौड़, हरौला, नयाबांस, बख्तावरपुर, नंगली-वाजितपुर आदि गांवों में बड़ी संख्या में कब्जे हो रहे हैं। इसके अलावा 4 से 5 हजार हेक्टेयर में यमुना व हिंडन के डूब क्षेत्र की जमीन पर कब्जा है। तेजी से यहां कॉलोनियां काटी जा रही हैं। हिंडन नदी में छिजारसी से लेकर ग्रेटर नोएडा के सफीपुर तक डूब क्षेत्र की करीब 90% तक जमीन पर कब्जा हो चुका है।