इस बार चुनावी शोर से बहुत दूर है आम आदमी !

सभाएं- रैलियां:इस बार चुनावी शोर से बहुत दूर है आम आदमी …

तीन राज्यों यानी मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव इस बार कुछ भी कह नहीं रहे हैं। बड़े- बड़े नेताओं की रोज़ सभाएं, रैलियाँ हो रही हैं। एक- दूसरे पर जघन्यतम आरोप भी लगाए जा रहे हैं, लेकिन आम मतदाताओं में कोई उत्साह दिखाई नहीं दे रहा है।

कुल मिलाकर मतदाता मौन है। यह मौन इसलिए नहीं कि वह किसी से नाराज़ है या इस पूरी चुनाव प्रक्रिया में ही वह कुछ देखना- समझना नहीं चाहता। मौन इसलिए है कि बार- बार के इन चुनावों और इन रैली- सभाओं, फ़िज़ूल के आरोप-प्रत्यारोपों से वह बोर हो चुका है। उसका कोई इंटरेस्ट नहीं रह गया है। रुचि भी इसलिए ख़त्म नहीं हुई है कि उसका चुनाव जैसी प्रक्रिया से मन ऊब चुका है बल्कि इसलिए कि सरकार किसी भी दल की रहे, वह काम एक जैसा ही करती है।

दरअसल, आम मतदाता अब इस मोड में आ चुका है कि “को नृप होय, हमें का हानि”। सरकारें आजकल भले ही अलग दल की हों, लेकिन उनका स्वभाव एक जैसा ही होता है। वही झूठे वादे, हवाई घोषणाएं और इनके लिए फण्ड जुटाने की ख़ातिर पिछले दरवाज़े से जनता पर हिडन टैक्स लादना। आख़िर किसी सरकार के रहने या किसी के चले जाने से अब आम आदमी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।

यह स्थिति लोकतंत्र के लिए बड़ी ख़तरनाक है। और इसे पैदा किया है हमारे राजनीतिक दलों ने। वे चेहरा भर बदलते हैं। कर्म, कर्तव्य के मामले में उनमें कोई फ़र्क़ नज़र नहीं आता। अगर आम लोग चाहें भी तो अपनी रुचि के थैले को आख़िर कब तक संभालकर रखें?

बहरहाल, छत्तीसगढ़ में बहुत हद तक स्थिति साफ़ नज़र आ रही है। क्योंकि वहाँ एक दल ने पूरे पाँच साल तक अपना वर्चस्व बनाए रखा और दूसरा दल पूरे पाँच साल सोया रहा। केवल चुनाव के वक्त जागने से कुछ नहीं होने वाला, इसलिए यह दल अच्छी तरह जानता है कि चुनाव का परिणाम क्या आने वाला है। फिर भी आरोपों की झड़ी लगाई हुई है और कोई भी कम से कम इस मोर्चे पर पीछे नहीं रहना चाहता।

जहां तक मध्यप्रदेश और राजस्थान का सवाल है, यहाँ मामला इस बार पूरी तरह कन्फ्यूजिंग है। कोई तुर्रम खां इस वक्त यह नहीं कह सकता कि कौन दल क्लियर जीत की तरफ़ बढ़ रहा है और कौन हार की तरफ़। हालाँकि, अलग-अलग चैनलों पर चुनाव पूर्व सर्वे में किसी की हार और किसी की जीत की संभावनाएँ बताई जा रही हैं, लेकिन हर कोई जानता है कि इन सर्वे की हक़ीक़त क्या होती है और इनमें कितनी सचाई होती है!

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