ED अफसर 20 लाख घूस लेते गिरफ्तार !

तमिलनाडु में ED अफसर 20 लाख घूस लेते गिरफ्तार…
डॉक्टर से 51 लाख मांगे थे; 5 महीने में सेंट्रल एजेंसी का तीसरा अफसर पकड़ा गय
अंकित ने डॉक्टर को डराकर पहले 3 करोड़ रुपए मांगे। बाद में 51 लाख देने की डील फाइनल की।

तमिलनाडु में ED के एक अफसर को 20 लाख रुपए घूस लेने के आरोप में राज्य की एंटी करप्शन और विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ED के अफसर का नाम अंकित तिवारी है। वह मदुरै ED ऑफिस में पोस्टेड है। स्टेट एजेंसीज ED ऑफिस और तिवारी के घर की जांच कर रही है।

स्टेट एजेंसीज के मुताबिक, ED अधिकारी ने एक सरकारी डॉक्टर को पुराने मामले में डरा-धमकाकर 3 करोड़ रुपए की डिमांड की थी। हालांकि, बाद में 51 लाख रुपए पर डील फाइनल हुई। डॉक्टर ने घूस की पहली किस्त के रूप में 1 दिसंबर को 20 लाख रुपए दे दिए और विजिलेंस टीम को शिकायत कर दी।

पिछले पांच महीने में घूस लेने के आरोप में केंद्रीय जांच एजेंसी ED के अफसर की यह तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले CBI ने अगस्त में दिल्ली शराब नीति मामले में 5 करोड़ रुपए रिश्वत लेने के आरोप में ED के असिस्टेंट डायरेक्टर पवन खत्री को गिरफ्तार किया था।

इसके अलावा 2 नवंबर को जयपुर ACB ने ED के इंस्पेक्टर लेवल के एक अधिकारी नवल किशोर मीणा और उसके एक सहयोगी बाबूलाल मीणा को 15 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।

ये अंकित तिवारी का आधिकारिक ID है। इस पर पद नाम के जगह इंफोर्समेंट ऑफिसर लिखा हुआ है।
ये अंकित तिवारी का आधिकारिक ID है। इस पर पद नाम के जगह इंफोर्समेंट ऑफिसर लिखा हुआ है।

तिवारी ने पुराने केस का हवाला देकर डॉक्टर को धमकाया
एंटी करप्शन और विजिलेंस टीम के मुताबिक, 29 अक्टूबर को अंकित तिवारी ने डिंडीगुल के एक सरकारी डॉक्टर से संपर्क किया। उसने डॉक्टर को बताया कि उनके खिलाफ एक केस दर्ज हुआ है, जबकि वो मामला पहले ही निपटाया जा चुका है। अंकित ने डॉक्टर से यह भी कहा कि इस मामले में ED को PM ऑफिस से जांच के आदेश मिले हैं। आप 30 अक्टूबर को मदुरै ऑफिस आइए।

पहले 3 करोड़ मांगे, फिर 51 लाख में डील फाइनल हुई
आरोपी ED के अफसर अंकित तिवारी की बात सुनकर डॉक्टर अगले दिन ED ऑफिस पहुंचा। तिवारी उसकी कार में बैठ गए और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए 3 करोड़ रुपए की डिमांड की। डॉक्टर ने कुछ पैसे कम करने का अनुरोध किया और वहां से चला गया।

अंकित ने डॉक्टर को फोुन पर बताया कि उसने अपने सीनियर अफसर से बात की है। वे 51 लाख रुपए पर सहमत हुए हैं। डॉक्टर भी 51 लाख रुपए देने पर सहमत हो गया। 1 दिसंबर को डॉक्टर ने अंकित को रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 20 लाख रुपए दिए। स्टेट एजेंसी ने अंकित को रंगे हाथ दबोच लिया। अंकित को 15 दिसंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया है।

एंटी करप्शन टीम कर रही छानबीन
उधर, एंटी करप्शन की टीम मदुरै में ED ऑफिस में तलाशी ले रही है। DVAC ने बताया, हमें शक है कि अंकित ने इसी तरह से कई और अधिकारियों को धमकाकर घूस ली होगी। इसके लिए अंकित के घर पर भी तलाशी ली जा रही है। इस बीच, CRPF की एक टीम शुक्रवार देर रात मदुरै में ED सब-जोनल ऑफिस पहुंची, जहां DVAC अधिकारी अंकित तिवारी से जुड़े मामले में तलाशी ले रहे हैं।

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