ये राजनीतिक पद है…उपमुख्यमंत्री पद को चुनौती ?
ये राजनीतिक पद है…उपमुख्यमंत्री पद को चुनौती, राजस्थान में क्यों कोर्ट पहुंचा मामला
राजस्थान में उपमुख्यमंत्री पद को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. वकील ओम प्रकाश सोलंकी ने अपनी याचिका में कहा है कि उपमुख्यमंत्री पद का भारत के संविधान में कोई जिक्र नहीं है और ये असंवैधानिक है. ऐसे में उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि वो राज्य सरकार को नियुक्तियों को रद्द करने का निर्देश दे.

वकील ओम प्रकाश सोलंकी ने अपनी याचिका में कहा है कि उपमुख्यमंत्री को संविधान में मान्यता नहीं दी गई है, लिहाजा इसे फौरन रद्द किया जाए. वकील सोलंकी का कहना है कि उपमुख्यमंत्री पद का भारत के संविधान में कोई जिक्र नहीं है और ये असंवैधानिक है. वकील ने मांग की कि राज्य सरकार को इन दोनों नियुक्तियों को रद्द करने का निर्देश दिया जाए.
शपथ ग्रहण में पीएम समेत तमाम दिग्गज हुए शामिल
शुक्रवार 15 दिसंबर को राजस्थान में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ था. जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ ही दोनों दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, समेत तमाम केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी के दिग्गज नेताओं ने शिरकत की थी. इसके साथ ही बीजेपी शासित कुछ राज्यों के सीएम भी शामिल हुए थे. जिनमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, ए गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के साथ ही मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव यादव शामिल हैं.
115 सीटों पर बीजेपी ने दर्ज की जीत आपको बता दें कि राजस्थान में 200 में 199 सीटों पर मतदान हुआ था. प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर थी. इस चुनाव में बीजेपी ने 115 सीटों पर जीत दर्ज कर शानदार जीत दर्ज करी. वहीं कांग्रेस को 69 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. 3 दिसंबर को आए नतीजों के बाद से तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद के लिए भजन लाल शर्मा के नाम की घोषणा की वहीं राज्य में पहली बार दो उपमुख्यमंत्री बनाने का भी ऐलान किया गया था.