शेयर बाजार में कैसे कमाएं पैसा ?
क्या पैसा कमाने का सबसे आसान जरिया है शेयर बाजार, आखिर भारतीय क्यों हैं पीछे?
शेयर बाजार में पैसा कमाना आसान नहीं है, लेकिन असंभव भी नहीं है. शेयर बाजार में पैसा कमाकर अमीर बनने की आपने कई कहानियां सुनी होंगी. लेकिन क्या ऐसा सच में होता है?
शेयर बाजार को स्टॉक मार्केट के नाम से भी जाना जाता है. ये एक ऐसा बाजार है जहां पर कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार बहुत जोखिम से भरा होता है, हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर सही समय पर सही शेयर चुनकर उनकी पुरानी परफॉर्मेंस और बाजार के सिस्टम को समझकर निवेश किया जाता है तो अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
CSDL और NSDL की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2024 में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए रिकॉर्ड 46.84 लाख से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट खोले गए. इससे पिछले महीने 40.94 लाख नए डीमैट खाते खोले गए थे. भारत में अब कुल 14.39 करोड़ डीमैट अकाउंट हो चुके हैं. ये पिछले महीने के आंकड़े से 3.4% ज्यादा है और पिछले साल की तुलना में तो 30.3% की शानदार बढ़त है.
शेयर बाजार भले ही पैसा कमाने का एक अच्छा प्लेटफॉर्म हो सकता है लेकिन एक सच ये भी है कि ज्यादातर भारतीयों को नुकसान झेलना पड़ता है. इस स्पेशल स्टोरी में आप अच्छे से समझ पाएंगे कि आखिर शेयर बाजार मुनाफे का सौदा है या घाटे का? क्या शेयर मार्केट पैसा कमाने का सबसे आसान जरिया है, अगर हां तो भारतीय क्यों पीछे हैं?
पहले समझिए क्या है शेयर बाजार?
यह एक ऐसा बाजार है जहां कंपनियां अपने शेयर (Ownership) बेचकर पैसे जुटाती हैं. आप इन शेयरों को खरीदकर कंपनी का हिस्सा बन सकते हैं. जब कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो शेयरों की कीमत बढ़ जाती है और आप मुनाफा कमा सकते हैं. अक्सर जब कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो शेयरों की कीमत गिर जाती है और आपको नुकसान हो सकता है. हालांकि शेयर की कीमत का बढ़ना-घटना इसके पीछे कई कारण होते हैं.
कैसे काम करता है शेयर मार्केट?
सबसे पहले एक कंपनी जब अपनी हिस्सेदारी आम जनता को बेचना चाहती है तो आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफर) के जरिए शेयर मार्केट में लिस्ट होती है. इसके बाद उसके द्वारा जारी किए गए शेयरों को ‘सेकेंडरी मार्केट’ में खरीदा और बेचा जाता है. सेकेंडरी मार्केट ही असली शेयर बाजार होता है, जहां शेयरों की खरीद-फरोख्त होती रहती है. यह लेन-देन स्टॉक ब्रोकर या ब्रोकरेज फर्म की मदद से होता है. ये ब्रोकर निवेशक और शेयर बाजार के बीच में एक मध्यस्थ (Middleman) की तरह काम करते हैं.
आप जब कोई शेयर खरीदना चाहते हैं, तो ऑर्डर सबसे पहले आपके ब्रोकर के पास जाता है. फिर आपका ब्रोकर उस खास शेयर को खरीदने का ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज को भेजता है. स्टॉक एक्सचेंज उस शेयर को बेचने वाले किसी निवेशक को ढूंढता है. एक बार जब तय कीमत पर बायर और सेलर मिल जाते हैं तो उस लेन-देन को तुरंत पूरा कर दिया जाता है. इसके बाद स्टॉक एक्सचेंज आपके ब्रोकर को जानकारी देता है कि ऑर्डर पूरा कर दिया गया है. ब्रोकर यह जानकारी आपको देता है. यह सब कुछ रियल टाइम में सेकंडों के भीतर हो जाता है.
कितनी कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं?
भारत में निवेशक मुख्य रूप से दो स्टॉक एक्सचेंज NSE और BSE का ही इस्तेमाल करते हैं. 31 दिसंबर 2023 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में कुल 2266 कंपनियां लिस्टेड हैं. वहीं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में कुल 5309 कंपनियां लिस्टेड हैं.
कितने लोग शेयर मार्केट में गंवा देते हैं पैसा?
SEBI (सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट के अनुसार, 10 में से 9 निवेशक जो फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में ट्रेडिंग करते हैं, उन्हें घाटा होता है. यानी 90 फीसदी निवेशक पैसे गंवा देते हैं. इन निवेशकों को करीब 50,000 रुपये का नुकसान होता है. उन्हें अपने कुल निवेश का 28% ज्यादा ट्रांजैक्शन कॉस्ट के रूप में खर्च करना पड़ता है. जिन निवेशकों को फायदा होता है उन्हें भी 15 से 50 फीसदी तक ट्रांजैक्शन कॉस्ट में खर्च करना पड़ता है.
एक दूसरी रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर निवेशक शेयर बाजार में अपना पैसा गंवा देते हैं. 70 फीसदी से भी ज्यादा रिटेल इन्वेस्टर जो बिना रिसर्च के शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं, उन्हें घाटा होता है. अगर आप किसी अनुभवी निवेशक से पूछेंगे, तो वो भी यही बात कहेंगे.
क्या पैसा कमाने का सबसे आसान जरिया है शेयर बाजार?
इस मुद्दे पर एबीपी न्यूज ने स्टॉक मार्केट में 10 साल का अनुभव रखने वाले इन्वेस्टर आशीष गोयल से बातचीत की. आशीष गोयल का कहना है कि शेयर बाजार पैसा कमाने का सबसे आसान तो नहीं कहा जा सकता, मगर एक बेहतर जरिया जरूर हो सकता है अगर आपको मार्केट की अच्छे से समझ है. अगर रिस्क कैलकुलेट कर लिया जाता है तो एक आम व्यक्ति भी यहां अच्छा पैसा कमा सकता है.
किस तरह के स्टॉक में निवेश करके ज्यादा कमाएं?
शेयर मार्केट में आसानी से पैसा कमाने के आशीष गोयल ने कुछ टिप्स भी बताए. उन्होंने पहला आसान तरीका बताया Buy Back. कभी-कभी कंपनियां अपने ही शेयर वापस खरीद लेती हैं. इस सिस्टम को शेयर बायबैक कहते हैं. आमतौर पर, कंपनियां बाजार में शेयर की कीमत से ज्यादा दाम देकर अपने शेयर वापस खरीदती हैं. तो इससे अच्छा खासा फायदा हो जाता है.
दूसरा तरीका है निफ्टी बीज़ (Nifty Bees). निफ्टी बीज़ एक ऐसा तरीका है जिसके जरिए आप देश के सबसे बड़ी 50 कंपनियों (जो निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल हैं) में निवेश कर सकते हैं. निफ्टी बीज़ एक ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) है. इसे शेयरों की तरह ही स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा और बेचा जाता है. ऐसे ही सेक्टर के ETF होते हैं. जैसे- फार्मा, बैंकिंग, हेल्थ, आईटी आदि.
आशीष गोयल का कहना है कि ईटीएफ में निवेश करने से हमारा रिस्क बहुत कम हो जाता है. क्योंकि पूरे सेक्टर की आगे चलकर ग्रोथ होनी ही है. हमें पता है कि बैंकिंग सेक्टर बढ़ना ही है, आईटी सेक्टर बढ़ेगा ही, हेल्थ सेक्टर भी बढ़ना ही है. ETF में एक सेक्टर की टॉप कंपनियां शामिल होती हैं. किसी एक कंपनी के डूबने से सेक्टर पर कुछ खास असर नहीं पड़ता. सेक्टर तो आगे बढ़ता ही है और अगर कोई एक कंपनी डूबती भी है तो उस कंपनी का मार्केट दूसरी कंपनियां कैप्टर कर लेती हैं. ऐसे सेक्टर की ग्रोथ रुकती नहीं है. इस तरह अगर अगर हम सेफ चलेंगे तो फायदा जरूर होता है.
फिर ज्यादातर भारतीय को क्यों होता है नुकसान?
इस सवाल के जवाब में आशीष गोयल कहते हैं उन्हें लॉस इसलिए होता है क्योंकि वो रिस्की गेम खेल रहे होते हैं. मतलब ये लोग इंट्राडे या फ्यूचर ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे होते हैं जहां एक सीमित समय के अंदर या तो फायदा होता है या नुकसान. जहां समय की सीमा नहीं होती है वहां निवेश करने से फायदा होता है.
‘क्योंकि कोई भी सेक्टर कुछ समय के लिए डाउन हो सकता है मगर शायद कभी बंद नहीं होगा. हमें सेफ खेलना चाहिए. मार्केट के उतार चढ़ाव की बेसिक जानकारी हासिल करने के बाद ही सोच समझकर निवेश करना चाहिए. सेफ खेलने वाले लगभग सभी निवेशक फायदे में रहते हैं, जहां रिस्क फेक्टर आ जाता है वहां 10 में से एक ही कमा पाता है.’
शेयर बाजार पैसा कमाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है, लेकिन सबसे आसान तरीका बिल्कुल नहीं है. अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले SEBI Registered Research Analyst से इसके बारे में अच्छी तरह से जानकारी हासिल कर लें, अनुभव प्राप्त करें और रिस्क मैनेजमेंट सीख लें. इसके लिए धैर्य, अनुशासन और ज्ञान की आवश्यकता है. कई लोग, बिना सोचे-समझे निवेश करते हैं और पैसा गंवा देते हैं.