दिल्ली: जामिया यूनिवर्सिटी में हिंसा की पूरी कहानी, जानिए कैसे शिक्षा का आंगन बना ‘जंग का मैदान’ ?

नई दिल्ली: नागरिकता कानून को लेकर रविवार के दिन दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में जमकर बवाल हुआ. प्रदर्शनकारियों ने इलाके में बसों और कुछ मोटरसाइकिलों में आग लगा दी. हालांकि छात्रों ने साफ किया कि उन्होंने हिंसा नहीं की, बल्कि प्रदर्शन में घुसे कुछ असामाजिक तत्वों ने हिंसी की. बाद में दिल्ली पुलिस यूनिवर्सिटी में बिना इजाज़द दाखिल हुई. छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने लाइब्रेरी में घुसकर तोड़फोड़ की और रीडिंग हॉल में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं से मारपीट की.

इस मामले में राजनीति भी जमकर हुई. पहले बीजेपी ने आप पर हिंसा करने का आरोप लगाया, जिसके जवाब में दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक वीडियो ट्वीट कर बीजेपी पर पुलिस द्वारा हिंसा भड़काने का आरोप लगा दिया. सीएम अरविंद केजरिवाल ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एलजी से बात की और दिल्ली के लोगों से भी शांति की अपील की.

दिल्ली में तो इस मामले पर शाम से ही आरोप प्रत्यारोप का दौर चलने लगा था. बाद में एमआईएम के मुखिया असदउद्दीन ओवैसी ने भी जामिया के छात्रों के साथ थड़े रहने की बात कही. ओवैसी ने कहा कि पुलिस ने जिन जामिया के छात्रों को हिरासत में लिया है उन्हें जल्द रिहा करना चाहिए. कांग्रेस ने भी देर रात इस घटना की निंदा की.

आपको बता दें कि कल रात खबर आई कि छात्रों ने विरोध को वापस ले लिया है, हालांकि देर रात छात्रों ने इससे इनकार करते हुए एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें विरोध जारी रखने की बात कही. आज दोपहर 12 बजे से जामिया कैंपस के बाहर लोग जुटना शुरू हो गए थे.

छात्रों और पुलिस के बीच आज हुई झड़प में कई पुलिसवाले घायल हो गए हैं. पांच एसएचओ जख्मी हुए हैं. वहीं एक एडिशनल डीसीपी, दो एसपी भी घायल हुए हैं. हेड कॉन्स्टेबल मकसूल अहमद भी झड़प में गंभीर रुप से चोटिल हो हुए हैं. फिलहाल उन्हें ICU में भर्ति करवाया गया है.

यहां, जानिए जामिया में कब-कब क्या-क्या हुआ:-

    • दोपहर 2:40 बजे: दिन में प्रदर्शन शांति पूर्वक चल रहा था, लेकिन करीब 3:30 बजे भीड़ बेकाबू हो गई. भीड़ आपस में बट गई. जहां जामिया के छात्र ज़ाकिर नगर की तरफ बढ़ रहे थे, वहीं कुछ लोग आश्रम और कालिंदी कुंज की तरफ बढ़ने लगे. भीड़ बेकाबू और आक्रोशित थी.
    • शाम 5 बजे: भीड़ और पुलिस के बीच में झड़प शुरू हुई. शाम को करीब 5 बजे बसों में आग लगने की बात कही गई. 2 बसों में आग लगी, वहीं कुछ देर बाद ईश्वर रोड पर एक और बस जलने की खबर आई, जिसके बाद से आंसू गैस पुलिस द्वारा इस्तेमाल करने की खबर आई.
    • शाम 5:20 बजे: आग बुझाने आए फायर कर्मियों को मारा गया.
    • शाम 6: बजे: जामिया छात्रों ने हिंसा को ख़ारिज कर दिया और उसकी निंदा करते हुए स्टेटमेंट जारी किया.
    • शाम 6 बजे: सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन बंद किया गया.
    • शाम 6:30 बजे: जामिया कैंपस के अंदर आंसू गैस के गोले छोड़े जाने की खबर मिली.
    • शाम 6:30 बजे: टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मजीद जमील ने एक स्टेटमेंट जारी किया और कहा कि ये हिंसा छात्रों द्वारा नहीं की गई है.
    • शाम 7 बजे: छात्रों ने कहा कि पुलिस कैंपस के अंदर घुसी, लाइब्रेरी में पढ़ रहे बच्चों को मारा और तोड़ फोड़ की. उन्होंने ये भी कहा कि आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया गया.
    • शाम 7:18 बजे: खबर मिली के कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया है.
    • शाम 7:30 बजे के करीब: कई छात्र छात्राओं के घायल होने की खबर आई.
    • रात 8 बजे: पुलिस के अंदर लाठी चार्ज किए जाने की खबर आती रही. घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. कई के हालात गंभीर बने हुए है
    • रात 8:30 बजे: पुलिस के लाइब्रेरी के अंदर के विज़ुअल्स आते रहे. इस वक्त तक हालात गंभीर बने हुए हैं
    • 9 बजे: सिविल सोसायटी, शिक्षकों और छात्रों का आईटीओ पुलिस हेडक्वार्टर पर प्रदर्शन. बहुत से छात्रों के पुलिस हिरासत में होने की खबर आई.
    • 8:49 बजे: कालकाजी पुलिस स्टेशन में वकीलों को अंदर नहीं जाने दिया गया. 20 छात्र वहां थे.

आपको बता दें कि इस बीच सोशल मीडिया पर पुलिसिया कार्रवाई की कई तस्वीरें और वीडियो वायरल होने लगे. दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ पुलिस हेडक्वार्टर पर सैंकड़ों की तादाद में छात्र और कई संगठनों के लोग जुटे. ये लोग कैंपस में घुसने और लाइब्रेरी में छात्र छात्राओं पर बल प्रयोग करने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी इस वक्त भी इन लोगों का प्रदर्शन जारी है.

छात्रों का काम पढ़ाई करना है ना कि पार्लियामेंट द्वारा बनाए गए कानून का विरोध करना , देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना एक गंभीर मामला है इन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया और जो संपत्ति का नुकसान हुआ है उसे इन से लिया जाए।

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