नोएडा : 22 बिल्डरों ने जमा किए बकाया … 25 प्रतिशत बकाये की कुछ राशि की है जमा ?

22 बिल्डरों ने जमा किए बकाया, 1700 रजिस्ट्री का रास्ता खुला

-अब तक 650 रजिस्ट्री हुई, 15 अन्य बिल्डरों ने दी है बकाया जमा कराने पर सहमति

-8 बिल्डरों ने 25 प्रतिशत बकाये की कुछ राशि की है जमा
नोएडा। नोएडा में अब तक 22 बिल्डरों ने 245 करोड़ रुपए की राशि जमा की है। बकाया जमा करने के बाद 1700 रजिस्ट्री का रास्ता खुल गया है। इनमें से अब तक करीब 650 रजिस्ट्री हुई है। नोएडा प्राधिकरण की ओर से रजिस्ट्री शिविर के माध्यम से काम पूरा करने की कवायद की जा रही है।
प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक 22 बिल्डरों ने कुल बकाये की 25 प्रतिशत राशि जमा की है। इनकी बकाये की जमा हो चुकी राशि के आधार पर 1700 रजिस्ट्री हो सकती है। वहीं, आठ बिल्डरों ने कुल बकाये के 25 प्रतिशत राशि का कुछ हिस्सा जमा किया है। लिहाजा इनकी रजिस्ट्री की गणना अब तक नहीं की गई है। जब इनकी ओर से 25 प्रतिशत राशि जमा करा दी जाएगी तब रजिस्ट्री की संभावना वाले यूनिट की गणना की जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि रजिस्ट्री विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान समय तक करीब 650 रजिस्ट्री हो चुकी है। वहीं, आज एक बिल्डर की ओर से 40-50 रजिस्ट्री कराने की उम्मीद है। उनका कहना है कि 6 बिल्डरों की ओर से 400 रजिस्ट्री कराने की मंजूरी मिलनी अभी बाकी है। इसकी मंजूरी के बाद आगे का काम होगा।

15 बिल्डरों ने मांगा जुलाई तक का समय
नोएडा के 15 बड़े बिल्डरों ने पैसे जमा कराने के लिए जुलाई तक का समय मांगा है। उनकी ओर से फंड की व्यवस्था कराने का तर्क दिया है। अगर यह 15 बिल्डर पैसे देते हैं तो बड़ी संख्या में रजिस्ट्री का काम शुरू होने की उम्मीद है। इनकी ओर से बीते बैठक में दो माह का समय मांगा गया था। हालांकि प्राधिकरण की ओर से अभी तक इनको अतिरिक्त समय नहीं दिया गया है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि 12 मई को अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू किए हुए तीन माह हो गए। यह दिए गए समय से एक माह अतिरिक्त है। ऐसे में वरिष्ठ अधिकारियों की मंजूरी के बिना बिल्डरों को समय नहीं दिया जा सकता है।

12 बिल्डर न तो सहमति दे रहे न ही जमा करा रहे 1696 करोड़
नोएडा प्राधिकरण के बकायेदार बिल्डरों में से 12 न तो पैसे जमा कराने की सहमति दे रहे हैं और न ही पैसे जमा कराने के लिए आगे आ रहे हैं। इन पर करीब 1696 करोड़ रुपए का बकाया है। इनकी बैठक तो हुई है लेकिन इनकी ओर से अभी तक सकारात्मक संदेश नहीं दिया गया है। इन बिल्डरों में सेक्टर-50 का टीजीबी इंफ्रास्ट्रक्चर, सेक्टर-137 का एमपीजी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-121 का रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-77 का सिविटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-61 का मनीषा कीबी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-118 का आईवीआर प्राइम, सेक्टर-78 का एसोटेक, सेक्टर-44 का एसोटेक कांट्रेक्टर्स लिमिटेड, सेक्टर-120 का आरजी रेजिडेंसी प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-75 का गार्डेनिया इंडिया लिमिटेड, सेक्टर-75 का फ्यूटेक शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और सेक्टर-77 का एवीपी बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इन बिल्डरों को बीते 7 मई को प्राधिकरण ने नोटिस भेजा है। नोटिस में बकाया जमा नहीं कराने पर आवंटन निरस्त करने और संपत्ति अटैच करने को कहा गया है।

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