वाराणसी में कम हुआ PM मोदी की जीत का मार्जिन ?

वाराणसी: तीन राउंड तक पीएम मोदी क्यों रहे पीछे, अजय राय के पक्ष में ऐसा क्या था?
चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस के उम्मीदवार की तुलना में इस बार नरेंद्र मोदी के वोटों का अंतर केवल डेढ़ लाख ही रहा. नरेंद्र मोदी के खाते में कुल 6,12,970 वोट आए.

उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोकसभा सीट पर पीएम मोदी ने जीत तो हासिल कर ली है, लेकिन मतगणना के तीसरे राउंड के वोटों की गिनती तक भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के वोट पर्सेंट से पीछे चल रही थी. इस बार इस सीट से बीजेपी के जीत का मार्जिन भी इतना कम रहा कि सबको आश्चर्य में डाल दिया है. 

चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस के उम्मीदवार की तुलना में इस बार नरेंद्र मोदी के वोटों का अंतर केवल डेढ़ लाख ही रहा. इस चुनाव में नरेंद्र मोदी के खाते में 6,12,970 वोट आए. जबकि उनका मुकाबला कर रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय राय को 4,60,457 वोट मिले हैं. तीसरे नंबर पर बसपा के अतहर जमाल लारी रहे, जिन्हें 33,766 वोट हासिल हुए. 

ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि मतगणना के दौरान तीन राउंड तक पीएम मोदी क्यों रहे पीछे, अजय राय के पक्ष में ऐसा क्या था की उन्हें इतने वोट मिले. 

इस सवाल के जवाब के लिए एबीपी ने वारणसी में ही रहने वाली वरिष्ठ पत्रकार विभूति नारायण चतुर्वेदी से बात की..  

क्यों हुई मोदी की मार्जिन कम 

1. दो पार्टियों का वोट: अजय राय साल 2014, 2019 और अब 2024 में मोदी के खिलाफ मैदान में उतरे थे. लेकिन, इस बार का चुनाव पिछले दोनों लोकसभा चुनाव से अलग रहा. इसकी एक वजह अजय का इंडिया गठबंधन से मैदान में उतरना भी माना जा रहा है. दरअसल इंडिया गठबंधन से मैदान में उतरने के कारण उन्हें दो पार्टियों के वोटर्स का मतदान मिला. 

2. छोटे-छोटे मुद्दे पर नहीं दिया गया ध्यान: वाराणसी में कई ऐसे छोटे छोटो मुद्दे थे जिससे वहां की जनता परेशान थी. उनसे न तो इस बारे में जानने की कोशिश की गई और न ही रैलियों के दौरान इसका जिक्र क्या गया. उदाहरण के लिए महंगाई के मुद्दे को ही ले लीजिये. यहां की बढ़ती महंगाई के कारण क्षेत्र के मध्‍यमवर्गीय वोटर्स सरकार से काफी नाराज थे. लेकिन रैलियों के दौरान इसपर बात नहीं की गई.

3. वोटिंग का समय: इस लोकसभा सीट पर 2019 की तुलना में कम वोटिंग हुई और इसका कारण रहा तेज गर्मी. दरअसल गर्मी के कारण वोटर्स मतदान केंद्रों पर नहीं गए और वोटिंग की संख्या भी कम हुई.  

4. संविधान बदलने जैसे बयान भी शामिल: बीजेपी को कम वोट मिलने का एक कारण संविधान बदलने और आरक्षण खत्‍म करने जैसे बयान भी शामिल है. इसके अलावा पीएम मोदी के संसद पहुंच जाने के बाद उनसे संवाद न हो पाना भी लोगों की नाराजगी की वजह बनी. 

5. गुजराती बनाम बनारसी मामले ने पकड़ा तुल: इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के स्‍थानीय नेताओं की जगह बाहरी, खासकर गुजरात से आए लोगों को तवज्‍जो जी जा रही थी. जिससे यहां की जनता में पार्टी को लेकर नाराजगी थी.  

6. पार्टी का ओवर कॉन्फिडेंस: मोदी के उम्मीदवारी को लेकर इस क्षेत्र में काम कर रहे कार्यकर्ता इतने ओवर कॉन्फिडेंट हो गए कि प्रचार और जनता से जुड़ने में सुस्‍ती दिखनी लगी. 

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पांच विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन 

वाराणसी में कुल पांच विधानसभा सीटें हैं. इन सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने 2017 और 2022 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. ‘द क्विंट’ की एक रिपोर्ट की मानें तो, नरेंद्र मोदी को 2019 के मुकाबले 2024 लोकसभा चुनाव में वाराणसी की सभी पांचों विधानसभा सीट पर भी कम वोट मिले हैं. 

जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस पांचों सीटों पर पिछले लोकसभा चुनाव यानी साल 2019 की तुलना में अपना प्रदर्शन सुधारा है. इन पांच विधानसभा सीटों में  सबसे अहम सीट है रोहनिया और सेवापुरी विधानसभा. रोहनिया में जहां अजय राय को पिछले लोकसभा चुनाव में यानी साल 2019 में करीब 17, 779 वोट मिले थे. तो वहीं इस चुनाव में उन्हें यहां एक लाख से ज्यादा वोट मिले हैं. सेवापुरी में कांग्रेस को 2019 में 8,685 वोट मिले थे जबकि इस बार वोटों की संख्या बढ़कर 86,751 हो गई. 

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वाराणसी सीट पर पीएम मोदी की हैट्रिक

पीएम मोदी ने वाराणसी सीट से जीत की हैट्रिक लगा दी है. ये तीसरी बार है जब वह वाराणसी से चुनाव जीते हैं. हालांकि, साल 2014 और साल 2019 की तुलना में 2024 में उनकी जीत सबसे कम मार्जिन वाली रही. 

पिछले दो लोकसभा चुनावों में तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये चुनाव 1.52 लाख वोटों के अंतर से जीता. जबकि, पिछली बार यानी साल 2019 का लोकसभा चुनाव 4.79 लाख वोटों से जीता गया था. 

वहीं, दूसरी तरफ अजय राय की बात की जाए तो उन्होंने वाराणसी संसदीय क्षेत्र से लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रहा था. पिछले तीन लोकसभा इलेक्शन में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था. वह साल 2009 में सपा के प्रत्याशी के रूप इस सीट से मैदान में थे और 18.61 प्रतिशत मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. बहुजन समाज पार्टी के मुख्तार अंसारी उस चुनाव में 27.94 प्रतिशत वोट प्राप्त किया था और उसे भारतीय जनता पार्टी के मुरली मनोहर जोशी ने हराया था.

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