आकाशीय बिजली की घटनाओं से कैसे बचें?
आकाशीय बिजली से 2500 से ज्यादा मौतें
बचने के लिए अपनाएं 30-30 का नियम, आसमानी खतरे से बचाएंगे ये 2 ऐप्स
देश के कई राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 20 से 25 जून तक उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत में भी मानसून की एंट्री हो जाएगी। बारिश के दिनों में आकाशीय बिजली गिरना आम बात है।
हाल ही में मध्यप्रदेश के रायसेन में आकाशीय बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक बारिश के बीच बीना नदी डैम किनारे खड़ा होकर मोबाइल फोन पर बात कर रहा था।
आकाशीय बिजली की चपेट में आने का सबसे ज्यादा खतरा खेतों में काम करने वाले, पेड़ों के नीचे पनाह लेने वाले, खुले में घूमने वाले या तालाब में नहाने वाले लोगों को रहता है। ऐसे में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लोगों को सतर्क और सावधानी बरतने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। इनका पालन करके आकाशीय बिजली की घटनाओं से बचा जा सकता है।
आकाशीय बिजली की घटनाओं से कैसे बचें?
साथ ही जानेंगे कि-
- आकाशीय बिजली गिरती क्यों है?
- आकाशीय बिजली की सटीक जानकारी कैसे पता करें?
सवाल- आकाशीय बिजली गिरती क्यों है?
जवाब- बादलों में पानी के छोटे-छोटे कण मौजूद होते हैं। जब हवा और इन कणों के बीच फ्रेक्शन होता है तो ये इलेक्ट्रिकल चार्ज हो जाते हैं। जो कुछ बादलों पर पॉजिटिव चार्ज होते हैं तो कुछ पर निगेटिव।
जब निगेटिव और पॉजिटिव दोनों बादल एक दूसरे से टकराते हैं तो बिजली उत्पन्न होती है। वैसे तो ये बिजली बादलों में ही टकराती रहती है लेकिन कई बार यह इतनी अधिक होती है कि धरती तक पहुंच जाती है।
सवाल- आकाशीय बिजली की घटनाएं कितनी खतरनाक हैं?
जवाब- भारत में आकाशीय बिजली की वजह से हर साल होने वाली मौत के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में आकाशीय बिजली गिरने से हर साल करीब 2500 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। देश में आकाशीय बिजली गिरने की करीब 96% घटनाएं ग्रामीण इलाकों में होती हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की दिसंबर 2023 में जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत में प्राकृतिक कारणों से होने वाली आकस्मिक मौतों में 35.8% घटनाएं आकाशीय बिजली की वजह से हुईं।
नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि किन राज्यों में सबसे ज्यादा आकाशीय बिजली गिरने से मौत के मामले सामने आते हैं।
सवाल- आकाशीय बिजली से कैसे बच सकते हैं?
जवाब- मानसून का समय आते ही आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। हर साल हजारों लोगों और पशुओं की आकाशीय बिजली गिरने की वजह से मौत हो जाती है।
इसलिए आकाशीय बिजली के बचाव के लिए पहले से तैयार रहना और बिजली गिरने पर सुरक्षित बचने के तरीके के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है।
खासकर जो लोग बारिश के समय घर से बाहर हैं, उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि आकाशीय बिजली से कैसे बच सकते हैं।
सवाल- मौसम व आकाशीय बिजली की सटीक जानकारी कैसे पता कर सकते हैं?
जवाब- भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा लोगों को मौसम की सटीक जानकारी देने के लिए “मेघदूत” और ”दामिनी” मोबाइल एप्लिकेशन लांच किए गए हैं।
इन ऐप्स की मदद से मौसम व आकाशीय बिजली की सटीक जानकारी पहल से मिल सकती है। इन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
आइए इन ऐप्स के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
मेघदूत ऐप-
भारत सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत किसानों को तकनीक से जोड़ने के लिए मेघदूत ऐप को लॉन्च किया गया है।
मेघदूत ऐप के माध्यम से मौसम का पूर्वानुमान जैसे तापमान, बारिश की स्थिति, हवा की स्पीड या दिशा की सटीक जानकारी मिलती है।
इसके अलावा किसानों को फसलों की सिंचाई कब करनी चाहिए या फसलों में कब दवा डालनी है यह जानकारी भी मिलती है।
दामिनी ऐप-
इस ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद लोकेशन के रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस ऐप की मदद से 20 से 31 किलोमीटर के दायरे में आकाशीय बिजली का पूर्वानुमान मिल जाएगा। इस ऐप के जरिए संबंधित जगह के 20 किमी के दायरे में बिजली गिरने की चेतावनी 30 से 40 मिनट पहले ऑडियो और मैसेज के जरिए मिल जाएगी। इससे काफी हद तक जनहानि व पशुहानि को रोका जा सकता है।
सवाल- आकाशीय बिजली गिरने से बचने के लिए किन मुख्य बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब- नीचे दिए टिप्स को अपनाकर आकाशीय बिजली के संभावित खतरे से बच सकते हैं।
- किसी जगह पर बिजली गिरने के बाद तुरंत बाहर नहीं निकलना चाहिए।
- अगर किसी मैदानी इलाके में फंस गए हैं और बिजली गरज रही है तो नीचे पैरों के बल बैठ जाएं। अपने हाथ घुटने पर रखकर सिर दोनों घुटनों के बीच रख लें।
- बिजली गरजने पर छतरी या मोबाइल फोन का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
- अपने क्षेत्र में बिजली के खतरे का निर्धारण करने के लिए 30-30 नियम का उपयोग करें।
- बिजली देखने और गड़गड़ाहट सुनने के बीच के सेकेंड गिनें। अगर यह समय 30 सेकंड से कम है तो बिजली गिरने का संभावित खतरा है। इसलिए बाहर न निकलें और तुरंत आश्रय लें।
- बिजली की आखिरी गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर या किसी जगह से निकलने से पहले 30 मिनट इंतजार करें क्योंकि तूफान निकलने के बाद भी खतरा बना रहता है। बिजली गिरने से होने वाली आधी मौतें गड़गड़ाहट के बाद ही होती हैं।
- अगर किसी व्यक्ति या पशु पर बिजली गिर जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- जब तक आप सुनिश्चित न हो जाएं कि खतरा टल गया है तब तक सुरक्षित क्षेत्र में ही रहें।