नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में 50 डॉक्टरों की जांच ?
निलंबन की तैयारी:नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में 50 डॉक्टरों की जांच, 9 इंदौर के भी
अपात्र कॉलेजों का निरीक्षण करने वाले 111 में से 90 डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को नोटिस जारी किया गया था। इसमें से 50 डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ ही अपना जवाब दे पाए। चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त तरुण पिथोड़े के अनुसार, जिन्होंने जवाब गोलमोल दिए हैं या जवाब ही नहीं दिए हैं, निरीक्षण में शामिल ऐसे डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ विभागीय जांच कर रहे हैं। इनके खिलाफ 3 से 15 दिन में आरोप पत्र जारी करने के लिए मेडिकल कॉलेजों के डीन को पत्र लिखा गया है। ये जल्द निलंबित हो सकते हैं।
ये भी जांच के दायरे में
{जबलपुर मेडिकल कॉलेज : प्रभारी प्रचार्य डॉ. स्टेला पीटर, नर्सिंग सिस्टर आरती तिवारी, डॉ. एनएल अग्रवाल, डॉ. मनीष नागेंद्र, डॉ. वंदना पुनासे, इस्टर सिबा।
{ग्वालियर मेडिकल कॉलेज: विमला प्रसाद, सूजा नायर, गिरजा झा
{खंडवा मेडिकल कॉलेज: डॉ. हर्षुल पाटीदार, सोनम यादव, डॉ. विनीत गोहिया, स्नेहा प्रेमजी, डॉ. सचिव परमार, डॉ. माधव श्रीधर कदम, कविता परिहार।
{रतलाम मेडिकल कॉलेज: डॉ. अनिल मीणा, दीपा अप्पूकुट्टन, कीर्ति श्रीवास्तव, विजय चौहान
{रीवा मेडिकल कॉलेज: डॉ. आयुष्मान शर्मा, सत्यधर शर्मा
{ विदिशा मेडिकल कॉलेज: डॉ संजय उपाध्याय, गीता बरास्केल
{छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज: डॉ. विकास द्विवेदी, पूजा शर्मा
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नर्सिंग फर्जीवाड़ा:50 डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ विभागीय जांच, सस्पेंड करने की तैयारी
दरअसल, अपात्र कॉलेजों का निरीक्षण करने वाले 111 में से 90 डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को नोटिस जारी किया गया था। इनमें से 50 ही अपना जवाब दे पाए। सूत्राें के अनुसार, इनके जबाव से सरकार संतुष्ट नहीं है। इसके चलते इनके खिलाफ विभागीय जांच के लिए 3 से 15 दिन में आरोप पत्र जारी करने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन को पत्र लिखा गया है।
हालांकि, आरोप पत्र जारी होने के बाद विभागीय जांच शुरू होती है तो उससे पहले संबंधित व्यक्ति को निलंबित करना जरूरी होता है। ऐसे में जल्द इनके निलंबन की कार्रवाई हो सकती है। अभी ये सभी डॉक्टर्स और नर्स मूल विभाग सहित अन्य जगह प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त तरुण पिथोड़े के अनुसार, निरीक्षण में शामिल ऐसे डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ जिन्होंने जवाब गोलमोल दिए हैं या जवाब ही नहीं दिए हैं, उनके खिलाफ विभागीय जांच कर रहे हैं।
प्रमुख कॉलेजों के इन लोगों की विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू
जीएमसी भोपाल: डॉ. जितेंद्र माहोर, डॉ. वीरेंद्र धुर्वे, डॉ. रोजी सुहेल, रजनी नायर, प्रियदर्शिनी डेहरिया, रामरति यादव।
एमजीएम इंदौर: डॉ आकाशरादित्य शुक्ला, डॉ धर्मेंद्र सिंह राजपूत, उमा प्रीवल, डॉ संजय कुमार महाजन, हिल्दा डेविड, रेखा मशानी, टीना नप्थेल, भावना कन्नोजिया, कृष्णा पिल्लई।
जबलपुर मेडिकल कॉलेज: प्रभारी प्रचार्य स्टेला पीटर, नर्सिंग सिस्टर आरती तिवारी, डॉ एनएल अग्रवाल, डॉ मनीष नागेंद्र, डॉ वंदना पुनासे, इस्टर सिबा।
ग्वालियर मेडिकल कॉलेज: विमला प्रसाद, सूजा नायर, गिरजा झा
रीवा मेडिकल कॉलेज: डॉ आयुष्मान शर्मा, सत्यधर शर्मा।