भोले बाबा का FIR में नाम तक नहीं, क्या वोट बचा रहा?
हाथरस हादसा: भीड़ जुटाने वाले भोले बाबा का FIR में नाम तक नहीं, क्या वोट बचा रहा?
Hathras Stampede Bhole Baba: 45 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन बाबा का अब तक कुछ अता पता नहीं. न कोई पूछताछ हुई, न कोई सवाल और ना ही ऐसी कोई हलचल ही दिख रही है जिससे लग सके कि बाबा को पुलिस तलाशना चाह रही है. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर कौन है जो बाबा को बचा रहा है?
हाथरस हादसे को करीब 45 घंटे हो गए हैं लेकिन फरार बाबा साकार हरि अब तक सामने नहीं आया है. न कोई पूछताछ हुई, न कोई सवाल और ना ही ऐसी कोई हलचल ही दिख रही है जिससे लग सके कि बाबा को पुलिस तलाशना चाह रही है. हाथरस भगदड़ कांड में 121 लोगों की मौत हुई है लेकिन FIR में इस बाबा का नाम तक नहीं है. SOG ने कल रात 12 लोगों से पूछताछ की.
सवाल कई हैं पर जवाब देने वाला कोई नहीं…
भीड़ जुटाने वाले बाबा का नाम FIR में क्यों नहीं? पुलिस ने अब तक बाबा से पूछताछ क्यों नहीं की? सिर्फ आयोजकों के खिलाफ ही अब तक FIR क्यों? क्या अपने रसूख की वजह से अब तक बाबा बच रहा? क्या बाबा की वोट शक्ति जिम्मेदारी पर भारी पड़ी? क्या आयोजकों को नामजद कर बाबा को बचाने की कोशिश हो रही है? 45 घंटे बाद भी बाबा सामने क्यों नहीं आ रहा है?
अगर बाबा का दोष नहीं तो वह अपनी बात क्यों नहीं रख रखा? हाथरस में तैयारी को लेकर आश्रम जानकारी क्यों नहीं दे रहा? मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर सरेंडर क्यों नहीं कर रहा है? इतने बड़े हादसे पर बाबा की अब तक चुप्पी क्यों? ये सारे वो सवाल हैं, जिसके जवाब का सभी को इंतजार है लेकिन जवाब देने को कोई राजी नहीं है.
कई राज्यों में बाबा के अनुयायी
कहा जाता है कि सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के अनुयायी कई राज्यों में हैं. जिन राज्यों में बाबा के अनुयायी रहते हैं उनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड शामिल हैं.
हादसे के इतने घंटे बाद भी बाबा की गिरफ्तारी न होना, इस बात का संकेत देता है कि कोई तो है जो बाबा को बचा रहा है. नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा जाटव समाज से ताल्लुक रखता है. गरीब तबकों में उसका ज्यादा भक्त है. ST,SC और OBC वर्ग में उसकी गहरी पैठ है. एटा, आगरा, मैनपुरी में उसका खासा प्रभाव है. शाहजहांपुर और हाथरस में भी प्रभाव है. यूपी, एमपी, राजस्थान में उसके काफी अनुयायी हैं. दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड में भी उसकी पैठ है. हर सत्संग में लाखों की भीड़ होती है. सूरज पाल खुद को भगवान का सेवक बताता है. भक्त उसे भगवान का अवतार मानते हैं. जिन राज्यों में बाबा की पैठ है, जानें वहां वोट का हिसाब किताब…
उत्तर प्रदेश
- दलित आबादी 22%
- जाटव वोट 13%
आरक्षित सीटें
- लोकसभा 17
- विधानसभा 86
हरियाणा
- दलित 21%
आरक्षित सीटें
- लोकसभा 2
- विधानसभा 17
पंजाब
- दलित 32%
आरक्षित सीटें
- लोकसभा 4
- विधानसभा 34
मध्य प्रदेश
- दलित 15 %
आरक्षित सीटें
- लोससभा 10
- विधानसभा 47
राजस्थान
- दलित 16%
आरक्षित सीटें
- लोकसभा 7
- विधानसभा 59
उत्तराखंड
- दलित 20%
आरक्षित सीट
- लोकसभा 1
- विधानसभा 13