क्या मोबाइल का अधिक इस्तेमाल बढ़ा रहा है नपुंसकता?

Male Infertility: क्या मोबाइल का अधिक इस्तेमाल बढ़ा रहा है नपुंसकता? ऐसे रखते हैं फोन तो हो जाइए सावधान
दिनभर के अनेकों काम जैसे राशन के लिए पेमेंट करने से लेकर, मैसेज और ईमेल चेक करने, कॉल करने या वीडियो देखने के लिए हम सभी मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं। ये उपकरण हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, पर कहीं ये हमारे लिए ‘बड़ा दुश्मन’ भी तो नहीं साबित हो रहा है?

तमाम अध्ययनों में स्वास्थ्य विशेषज्ञ मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल को लेकर लोगों को सावधान करते आ रहे हैं। इससे आंखों की समस्याओं से लेकर, मानसिक स्वास्थ्य विकारों का जोखिम देखा जाता रहा है। क्या मोबाइल फोन नपुंसकता भी बढ़ा रहा है?

मोबाइल फोन के बहुत ज्यादा इस्तेमाल और इसको रखने के तरीकों को लेकर किए गए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि ये प्रजनन अंगों के लिए गंभीर समस्याएं बढ़ाता जा रहा है। पैंट की जेब में मोबाइल रखने से पुरुषों के जननांगों पर नकारात्मक असर देखा जा रहा है, जिससे दीर्घकालिक स्थिति में नपुंसकता का भी खतरा हो सकता है। पुरुषों-महिलाओं दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए ये उपकरण नुकसानदायक पाया गया है।

mobile phones decreasing male sperm count and causes male infertility
मोबाइल फोन और प्रजनन स्वास्थ्य पर असर

मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि पिछले चार-पांच दशकों में पुरुषों में प्रजनन क्षमता की समस्या और शुक्राणुओं की संख्या में कमी के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। इसके पीछे अब तक पर्यावरण और जीवनशैली के कारकों को जिम्मेदार माना जाता रहा है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि लो-लेवल के रेडियोफ्रीक्वेंसी विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों का उत्सर्जन करने वाले उपकरण जैसे मोबाइल फोन के कारण भी पुरुष प्रजनन क्षमता प्रभावित हो रही है।

अध्ययनों से ये भी पता चलता है कि मोबाइल फोन के बढ़ते उपयोग से शुक्राणुओं की सांद्रता और संख्या में भी कमी आ सकती है। लंबे समय तक बनी रहने वाली इस तरह की परिस्थितियां नपुंसकता का जोखिम भी बढ़ाने वाली हो सकती हैं।

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अध्ययन में क्या पता चला?

जिनेवा विश्वविद्यालय और स्विस ट्रॉपिकल एंड पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने मोबाइल फोन के उपयोग और इसके रखने के तरीकों का पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य पर क्या असर होता है, इसकी जांच की। 13 साल तक किए गए अध्ययन से पता चलता है कि स्मार्टफोन का उपयोग युवा वयस्क पुरुषों में शुक्राणुओं की सांद्रता में कमी और कुल शुक्राणुओं की संख्या (TSC) में कमी को बढ़ाने वाले कारकों में से एक है।

ज्यादातर पुरुष मोबाइल को पैंट की जेब में रखते हैं इसका भी प्रजनन अंगों और शुक्राणुओं की सेहत पर नकारात्मक असर हो सकता है। इससे महिलाओं में अंडों की क्वालिटी भी प्रभावित हो रही है। 

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फोन का ज्यादा इस्तेमाल हो सकता है हानिकारक

फर्टिलिटी एंड स्टेरिलिटी जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं ने 2005 से 2018 के बीच सैन्य भर्ती केंद्रों में 18 से 22 वर्ष की आयु के 2,886 पुरुषों की जांच की। प्रयोगशाला विशेषज्ञों में वीर्य के सैंपल लेकर और इसमें शुक्राणुओं की सांद्रता, कुल शुक्राणुओं की संख्या (TSC) और इनकी गतिशीलता का अध्ययन किया गया। प्रतिभागियों से जीवनशैली की आदतों के अलावा ये भी पूछा गया कि वे मोबाइल का कितनी बार उपयोग करते हैं?

अध्ययन के निष्कर्ष में पता चला कि जो पुरुष दिन में एक-दो बार फोन का इस्तेमाल करते थे, उनमें शुक्राणुओं की औसत सांद्रता उन पुरुषों की तुलना में काफी अधिक थी, जो प्रतिदिन 20 से अधिक बार अपने फोन का उपयोग करते थे।

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पैंट में फोन रखने से बचें

शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों से यह भी पूछा कि जब वे फोन नहीं चला रहे होते हैं तो इसे कहां रखते हैं? ज्यादातर लोगों ने बताया कि वे पैंट-शर्ट या जैकेट की जेब में इसे रखते हैं। अध्ययन समूह के लगभग 85.7% (2,368 पुरुषों) ने बताया कि उपयोग में न होने पर वे अपने फोन को पैंट की जेब में रखते हैं।

अध्ययन मॉडल में पैंट में फोन रखने और वीर्य की गुणवत्ता के कमी के बीच वैसे तो कोई संबंध नहीं मिला है, हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह से फोन को रखने से भी प्रजनन स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर हो सकता है।

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