महाराष्ट्र का बदलापुर कांड !
बच्चियों ने दर्द की शिकायत की तो सामने आई दरिंदे की करतूत, पढ़ें बदलापुर कांड की अब तक की कहानी
घटना सामने आने के बाद स्थानीय लोग विरोध पर उतर आए हैं। मंगलवार को बदलापुर रेलवे स्टेशन पर उग्र प्रदर्शन देखने को मिला। सरकार ने अब घटना की गहन जांच एसआईटी का गठन किया है। राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आइये जानते हैं कि महाराष्ट्र के बदलापुर की घटना क्या है? घटना का खुलासा कैसे हुआ? पुलिस ने मामले में क्या-क्या कार्रवाई की है? लोग विरोध कर रहे हैं, उनकी मांग क्या है? सरकार ने क्या प्रतिक्रिया दी?
14 अगस्त को एक बच्ची ने स्कूल से घर लौटने के बाद अपने माता-पिता से गुप्तांगों में दर्द की शिकायत की। बच्ची लगातार अपने माता-पिता से शिकायत करती रही तो माता-पिता को शक हुआ। उन्होंने लड़की से पूछताछ की तो घटना का पूरा सच पता चला। जब वह टॉयलेट गई तो पता चला कि अक्षय शिंदे नाम के 23 वर्षीय सफाईकर्मी ने उसके प्राइवेट पार्ट को छुआ था।
चिंतित माता-पिता ने उसी कक्षा की एक अन्य लड़की के माता-पिता से संपर्क किया तो उन्होंने भी कहा कि उनकी बेटी कुछ दिनों से स्कूल जाने से डर रही है। दोनों बच्चियों की हालत संदिग्ध होने पर माता-पिता ने तुरंत स्थानीय डॉक्टर से जांच कराया। उसमें बाद पता चला कि आरोपी ने बच्चियों के साथ बदसलूकी की थी।
इसके बाद दोनों के परिजन ने 16-17 अगस्त की आधी रात करीब 12:30 बजे स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने गए। हालांकि, अभिभावकों का आरोप है कि तत्कालीन थाना प्रभारी शुभदा शितोले ने उनकी शिकायत दर्ज करने के बजाय उन्हें कुछ घंटों तक बैठाए रखा और कहा कि वे सभी घटनाओं की जांच कर रहे हैं। इस बीच, जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने 17 अगस्त की सुबह पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया और सरकारी अस्पताल में लड़कियों की मेडिकल जांच कराई। कुछ ही देर में आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई।
घटना के कई दिन बाद 19 अगस्त को स्कूल प्रशासन सक्रिय हुआ और कार्रवाई करते हुए प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही क्लास टीचर और एक महिला कमर्चारी को बर्खास्त कर दिया और सफाईकर्मियों को मुहैया कराने वाली एजेंसी के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया। स्कूल ने सभी अभिभावकों से सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी।
घटना को लेकर मंगलवार को बदलापुर में बंद का आह्वान किया गया और हजारों अभिभावकों, राजनीतिक समूहों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्कूल के सामने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोपी को फांसी देने की मांग को लेकर सुबह साढ़े छह बजे से प्रदर्शन शुरू कर दिया।
प्रदर्शनकारी सुबह 10 बजे बदलापुर रेलवे स्टेशन पहुंच गए और रेल रोकना शुरू कर दिया.. मध्य रेलवे की कुछ रेल सेवाएं बंद कर दी गईं। दोपहर में प्रदर्शनकारी स्कूल पहुंचे और तोड़फोड़ की। इसके बाद करीब दोपहर 12.15 बजे स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी दी। 12.40 बजे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया जिसके बाद पुलिस
ने रेलवे ट्रैक खाली कराया। दोपहर एक बजे प्रदर्शनकारी वापस रेलवे ट्रैक पर आ गए। पुलिस ने फिर प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की।
उधर स्कूल के आसपास भी विरोध जारी रहा। दोपहर 1.10 बजे उस वक्त तनाव बढ़ गया जब पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। दोपहर 1.20 बजे गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने पुलिस महानिरीक्षक स्तर की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी के गठन का आदेश दिया। करीब 2.30 बजे मंत्री गिरीश महाजन प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए रवाना हुए। महाजन ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए। प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों को आज ही फांसी देने की मांग करते हुए पीछे हटने से इनकार कर दिया।
दोपहर 2.45 बजे से प्रदर्शनकारियों ने बदलापुर स्टेशन पर दोबारा बवाल किया, उस वक्त रेलवे पुलिस कमिश्नर रवींद्र शिसवे उनसे अपील कर रहे थे। आखिरकार शाम करीब छह बजे पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करना पड़ा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया। हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रेलवे ट्रैक से हटा दिया है और स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। खबर है कि प्रदर्शन में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गये हैं।
राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने घटना की जांच के लिए एक एसआईटी के गठन का आदेश दिया है। इसकी अध्यक्षता पुलिस महानिरीक्षक स्तर की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह करेंगी।
उन्होंने ठाणे पुलिस आयुक्त को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया है। केस दर्ज करने में देरी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
इस मामले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि आरोपियों को कड़ी सजा दी जाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर लड़कियों के खिलाफ अत्याचार की कोई घटना हुई तो संस्थानों के प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले पर महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने पुलिस से अब तक की जांच के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।