OPS या UPS में कौन बेहतर?

OPS के मुकाबले UPS में है फायदा या नुकसान, ये है पूरा गणित
OPS vs UPS : ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को वापस लाने के लिए लगातार विपक्ष के निशाने पर बनी केंद्र सरकार ने अब एक नई पेंशन स्कीम ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (UPS) पेश की है. क्या यूपीएस में ओपीएस जैसे फायदे हैं? चलिए जानते हैं इसके बारे में…
OPS के मुकाबले UPS में है फायदा या नुकसान, ये है पूरा गणित

OPS या UPS में कौन बेहतर?

OPS and UPS Key Difference : भारत सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक लेटेस्ट पेंशन स्कीम लॉन्च की है. इसे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) नाम दिया गया है. इस पेंशन स्कीम से सरकार ने विपक्ष की ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को वापस लागू करने की मांग की काट निकालने का काम किया है. इसमें न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की कई कमियों को दूर करके एश्योर्ड पेंशन, फैमिली पेंशन और मिनिमम पेंशन जैसे फीचर्स को जोड़ा गया है. लेकिन क्या इसके फायदे ओपीएस की तरह हैं?

यूपीएस में एक सरकारी कर्मचारी को एश्योर्ड पेंशन देने का प्रावधान किया है. ये उसकी नौकरी के आखिरी 12 महीनों की बेसिक पे के एवरेज का 50 प्रतिशत होगी. हालांकि एश्योर्ड पेंशन 25 साल की नौकरी पूरी करने वालों को ही मिलेगी. इसके अलावा 10 साल तक की नौकरी करने वालों को 10,000 रुपए की एश्योर्ड मिनिमम पेंशन मिलेगी. वहीं एश्योर्ड फैमिली पेंशन में कर्मचारी की मृत्यु पर उसके परिवार को तुरंत 60 प्रतिशत पेंशन दे दी जाएगी. ये इस स्कीम के कुछ खास और यूनिक फीचर्स हैं.

ओल्ड पेंशन स्कीम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम में कौन ज्यादा फायदेमंद?

अगर नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम स्कीम के फायदों को ओल्ड पेंशन स्कीम के लेवल पर समझना है, तो इसे 3 प्रमुख बिंदुओं पर परखकर समझा जा सकता है. इसमें पेंशन के कैलकुलेशन से लेकर पेंशन के लिए कर्मचारी का योगदान तक सब शामिल है…

  1. कर्मचारी का योगदान : यूपीएस में सरकार ने कर्मचारियों के योगदान वाले फीचर को एनपीएस की तरह बरकरार रखा है. यूपीएस में कर्मचारियों को अपनी बेसिक पे का 10 प्रतिशत पहले की तरह देना पड़ेगा, वहीं सरकार ने अपना कंट्रीब्यूशन 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया है. इसके उलट ओपीएस में सरकार ही पूरा योगदान करती है, कर्मचारियों की सैलरी से कोई पैसा पेंशन के नाम पर नहीं काटा जाता है.
  2. पेंशन का कैलकुलेशन : ओपीएस में किसी कर्मचारी को उसकी आखिरी सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के तौर पर मिलता था. ये उसकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 50 प्रतिशत होता था. यूपीएस में सरकार ने इसी प्रावधान को थोड़ा बदला है. अब कर्मचारी को एश्योर्ड पेंशन 50 प्रतिशत ही मिलेगी, लेकिन ये उसकी आखिरी सैलरी के 50 प्रतिशत के बराबर नहीं बल्कि आखिरी 12 महीनों की बेसिक पे के औसत के 50 प्रतिशत के बराबर होगी. सरकारी नौकरी में कई बार कर्मचारियों को आखिरी वक्त तक प्रमोशन मिलता है जिससे उसकी आखिरी सैलरी ऊंची होती है और फिर उस हिसाब से पेंशन कैलकुलेट होती है, लेकिन यूपीएस में ये फायदा नहीं मिलेगा.
  3. टैक्स का फायदा : यूपीएस में अभी सरकार ने टैक्स बेनेफिट को स्पष्ट नहीं किया है. हालांकि एनपीएस में पेंशन पर टैक्स का प्रावधान है. एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद आप जब अपना पैसा वापस निकालते थे, तब 60 प्रतिशत रकम टैक्स फ्री होती थी. जबकि 40 फीसदी रकम पर सैलरी ब्रैकेट के हिसाब से टैक्स देना होता था.

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