बकायेदार बिल्डरों के मामले की जांच करेगी आर्थिक अपराध शाखा !

Noida News: बकायेदार बिल्डरों के मामले की जांच करेगी आर्थिक अपराध शाखा

प्राधिकरण करेगा मामला ट्रांसफर, अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के बाद भी नहीं चुका रहे बकाया

नोएडा। बड़े बकायेदार बिल्डरों के मामले की जांच नोएडा प्राधिकरण आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को ट्रांसफर करेगा। इसका मकसद उन पैसों का पता लगाना है जो फ्लैट खरीदारों से बुकिंग के नाम पर लिए गए, लेकिन कहीं और डायवर्ट कर दिए गए। अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के बाद भी ऐसे बिल्डरों ने प्राधिकरण का बकाया नहीं चुकाया जिससे हजारों फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री अटकी हुई है।
प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने मंगलवार को बिल्डर-खरीदार मामले के संबंध में बैठक की। इसमें प्राधिकरण के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए। उन्होंने बैठक में रजिस्ट्री के वर्तमान हालात की अपडेट रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट से पता चला कि अभी भी फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। हालात जस के तस हैं। गिनती के खरीदारों की रजिस्ट्री हुई है। काफी जोर लगाने के बाद भी बड़े बकायेदार बिल्डर न तो बकाया पैसे जमा कर रहे हैं और न ही रजिस्ट्री कर पा रहे हैं। ऐसे में प्राधिकरण के सीईओ ने नाराजगी जताई। उन्होंने इस बाबत संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दि
रजिस्ट्री नहीं कराने वाले बिल्डरों को नहीं मिलेगा एनजीटी का लाभ
अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के लागू होने के बाद 28 बिल्डर परियोजनाओं में 2558 फ्लैटों की रजिस्ट्री की मंजूरी मिली, लेकिन 3 सितंबर तक केवल 1298 रजिस्ट्री हुईं। बिल्डर इसकी अलग-अलग वजह बताते हैं। कई का कहना है कि फ्लैट खरीदार किसी तरह का रिस्पांस नहीं दे रहे हैं। कई दूसरा बहाना बना रहे हैं। इसे देखते हुए प्राधिकरण ने मंगलवार को फैसला लेते हुए आदेश जारी किया कि जिन बिल्डरों ने 25 प्रतिशत राशि जमा कराई और फ्लैटों की रजिस्ट्री की मंजूरी मिली है, लेकिन वह रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से निर्माण रोके जाने के एवज में दी जा रही जीरो पीरियड के छूट का लाभ नहीं मिलेगा। हाल ही में प्राधिकरण ने इन बिल्डरों को यह लाभ देने की बात कही थी, लेकिन अब उस पर रोक लगा दी है। रजिस्ट्री कराए बिना लाभ नहीं मिलेगा।

20 हजार फ्लैट खरीदारों की होनी है रजिस्ट्री
लिगेसी स्टाल्ड रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की समस्याओं के निदान के लिए 21 दिसंबर 2023 को जारी शासनादेश के क्रम में 56 बिल्डर परियोजनाओं में से 22 बिल्डरों की ओर से छूट के बाद 25 प्रतिशत धनराशि के तौर पर 275.72 करोड़ जमा कराए गए हैं। 6 बिल्डरों की देयता शून्य हो गई है। इसके अलावा 28 बिल्डरों में से कुछ ने आंशिक तौर पर पैसे जमा कराए हैं। वहीं, कुछ ने केवल सहमति जाहिर की है। 8 बिल्डरों ने न तो सहमति दी है और न ही पैसे जमा कराए हैं।

आवंटन निरस्त करने की बात कर रहा प्राधिकरण
जिन बिल्डरों ने अब तक कुल बकाया का 25 प्रतिशत जमा नहीं कराया है, ऐसे बिल्डरों पर प्राधिकरण कार्रवाई करेगा। इस बाबत आवंटन निरस्तीकरण के लिए प्राधिकरण ने सर्वे कराया है और इसमें तीन बिल्डरों के आवंटन निरस्तीकरण की फाइल तैयार की है। कुछ अन्य बिल्डरों की परियोजनाओं का सर्वे चल रहा है और बिना बिकी संपत्ति की तलाश की जा रही है, ताकि आवंटन निरस्त करते हुए नीलामी आदि कराई जा सके।

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