जेवर एयरपोर्ट निर्माण के लिए चीरा जा रहा प्यासी धरती का सीना !

ग्रामीणों देखी: जेवर एयरपोर्ट निर्माण के लिए चीरा जा रहा प्यासी धरती का सीना, दिनरात टैंकरों से हो रही सप्लाई
किशोरपुर व बनवारीवास के ग्रामीणों ने बताया कि सड़क किनारे बने इन पंपों से दिनरात भूजल का दोहन कर टैंकरों को पानी से भरकर एयरपोर्ट के अंदर ले जाया जाता है। पानी को निर्माण कार्य में प्रयोग करने के लिए अंदर हौदी बना रखी है, जिनमें इसे भर दिया जाता है।

Illegal groundwater exploitation is being done for the construction of Jewar airport

ग्रेटर नोएडा के जेवर स्थित नोएडा एयरपोर्ट के पास किशोरपुर गांव में एयरपोर्ट को जेवर से जोड़ने वाली –

नोएडा अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में एसटीपी के जल उपयोग की बजाय ज्यादा बचत के चक्कर में जेवर के किशोरपुर में धड़ल्ले से भूजल का दोहन किया जा रहा है। जेवर क्षेत्र पहले से डार्क जोन में होने के बावजूद एयरपोर्ट को जाने वाली सड़क के किनारे पंप लगाकर खुलेआम दोहन का काम चल रहा है। एयरपोर्ट के निर्माण के दौरान दौड़ लगा रहे वाहनों से उठने वाले धूल के गुब्बार को शांत करने तक में भी पीने योग्य पानी का जमकर उपयोग किया जा रहा है। भूजल दोहन का खामियाजा यहां के लोगो को भुगतना पड़ रहा है जिसकी वजह से यहां का जलस्तर रिचार्ज होने के बजाय लगातार गिरता जा रहा है।

नोएडा एयरपोर्ट के प्रथम फेज का निर्माण जेवर के रोही, पारोही, रन्हेरा, बनवारीवास, किशोरपुर व दयानतपुर की 1234 हेक्टेयर जमीन पर किया जा रहा है। इस एयरपोर्ट को ईको फ्रेंडली बनाते हुए पर्यावरण के लिहाज से ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने के दावे किए गए। शुरूआत में एयरपोर्ट के निर्माण के लिए कासना स्थित एसटीपी से सीवेज का पानी लाकर निर्माण कार्य करने के दावे किए गए थे। लेकिन पिछले दो साल से एयरपोर्ट के निर्माण कार्य ने जैसे जैसे तेजी पकड़ी है, उसी हिसाब से जेवर से एयरपोर्ट को जोड़ने वाली सड़क पर भूजल दोहन के लिए अवैध पंप चालू होना शुरू हो गए हैं।
किशोरपुर व बनवारीवास के ग्रामीणों ने बताया कि सड़क किनारे बने इन पंपों से दिनरात भूजल का दोहन कर टैंकरों को पानी से भरकर एयरपोर्ट के अंदर ले जाया जाता है। पानी को निर्माण कार्य में प्रयोग करने के लिए अंदर हौदी बना रखी है, जिनमें इसे भर दिया जाता है। वही एयरपोर्ट में निर्माण सामग्री लेकर चलने वाले वाहनों और कच्चे रास्तों व निर्माण स्थलों पर उठने वाले धूल के गुब्बार को शांत करने तक में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
सालों से हो रहा अंधाधुंध पानी का दोहन
बनवारीपुर व किशोरपुर के किसानों का आरोप है कि वैसे तो जेवर क्षेत्र डार्क जोन में होने की वजह से यहां खेती की सिंचाई के लिए जमीन में बोरिंग करने तक पर रोक लगा दी जाती है। लेकिन पिछले दो साल से अवैध तरीके से विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के चलते हो रहे दोहन पर सब की आंखे बंद हैं।
एयरपोर्ट को भूजल रिचार्ज की गारंटी पर मिली पीने के पानी की मंजूरी
पिछले दिनों एयरपोर्ट पर पेयजल के लिए भूजल दोहन की अनुमति मांगी गई थी। जिसके बाद विभाग ने एयरपोर्ट को मात्र पेयजल के लिए भूजल दोहन पर उस क्षेत्र के भूजल को रिचार्ज करने की गारंटी की शर्त रखी थी। विभाग ने साफ कहा था कि एयरपोर्ट विकासकर्ता कंपनी अगर भूजल दोहन की भरपाई के लिए भूजल रिचार्ज के विकल्प अपनाते हुए रिचार्ज की गारंटी देगी तभी उसे अनुमति मिलेगी।
एयरपोर्ट के निर्माण में अलग अलग स्थानों से पानी मंगाया जाता है। भूजल दोहन कर उपयोग की जानकारी नहीं है। इस मामले की जांच कराई जाएगी और अगर भूजल दोहन की सत्यता पाई गई तो पानी की आपूर्ति करने वाले वेंडर पर कार्रवाई की जाएगी। -शैलेंद्र भाटिया, नोडल अधिकारी, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड

कुछ शिकायतें मिली हैं और हम इसकी जांच भी कर रहे हैं। भूजल दोहन करने वालों पर हम कार्रवाई करेंगे। -अंकिता राय, हाइड्रोलॉजिस्ट, भूगर्भ जल विभाग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *