नया आदेश … हवालात में बंद आरोपियों की जिम्मेदारी अफसरों की …
नया आदेश:हवालात में बंद आरोपियों की जिम्मेदारी अफसरों की, रात 8 बजे टीआई सभी को अपडेट रिपोर्ट देंगे
- मानपुर, मुरैना में हवालात में बंदियों की मौत के बाद निगरानी की व्यवस्था
प्रदेश के थानों में कुछ महीनों में हुई हवालात में आरोपियों की मौत के बाद पुलिस प्रशासन ने हवालात की जिम्मेदारी अब एसीपी स्तर के अफसरों को दी है। रात के समय हवालात के आरोपियों के स्वास्थ्य और भोजन से लेकर हर जिम्मेदारी उन्हीं की रहेगी। इसके लिए पिछले दिनों एक आदेश जारी किया गया है।
चाहे गांधी नगर थाने में युवक की मौत का मामला हो, मानपुर में सिपाहियों की पिटाई से युवक की मौत का मामला हो या मुरैना में आरोपी की मौत का मामला हो। सभी में लंबी जांच चल रही है। बीते महीनों में हवालात में इसी तरह कुछ मौतें हुई हैं, जिन्हें लेकर मजिस्ट्रियल जांच भी जारी है। इसे लेकर पुलिस मुख्यालय ने नया आदेश जारी किया है। आला अफसरों का कहना है कि यदि एसीपी हवालात में आरोपियों की सुध नहीं लेंगे तो इसकी भी जांच की जाएगी।
रात में नियुक्त हेड मोहर्रिर कैमरे से निगाह रखेंगे बंदियों पर
ये हैं नए आदेश के मुख्य बिंदु …
1. महिला थाना और क्राइम ब्रांच सहित सभी थानों के प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे रात 8 बजे बाद हवालात में बंद आरोपियों की जानकारी अपने एसीपी को दें।
2. यदि रात के समय हवालात में आरोपी हैं तो एसीपी की जिम्मेदारी है कि वह थाने जाकर आरोपियों से बात करें। उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को भी जांचें। साथ ही विशेष परिस्थिति में थाने वालों को उचित दिशा निर्देश भी दें।
3. यदि कोई आरोपी पहली बार किसी मामले में बंद हुआ है तो उससे पूछताछ के लिए विशेष एहतियात बरतें। थाना प्रभारी उससे पूछताछ और सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान दें।
4. हवालात में ऐसी कोई भी वस्तु न रखें, जिससे आरोपी उसका दुरुपयोग करे।
5. गंभीर रूप से बीमार, नशाखोर और घायल आरोपियों के संबंध में विशेष ध्यान रखा जाए। जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
6. हवालात में कोई जहरीले जीव-जंतु न आते हों, इसकी संभावना पर भी ध्यान दें।
7. रात में गश्त करने वाले अधिकारी भी थानों पर जाकर जांच करें कि हवालात में आरोपियों की क्या स्थिति है।
8. यदि हवालात में कैमरे नहीं हैं तो तुरंत लगवाए जाएं। 9. हवालात के कैमरों को हेडमोहर्रिर और अन्य पुलिसकर्मी लगातार देखते रहें।
10. अभिरक्षा में लाए गए आरोपियो के बारे में विशेष ध्यान दें कि वे हवालात से या फिर कोर्ट या अस्पताल जाते वक्त परिवहन के दौरान भाग न जाएं।