इंदौर में तैयार हो रहे ISBT का काम 95% पूरा !

शहर के कुमेड़ी में इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार किए जा रहे इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) का 95% काम पूरा हो चुका है। ये शहर का पहला फुल एयर-कंडीशन बस स्टैंड होगा। यहां से करीब 1440 बसों का संचालन किया जा सकेगा। टर्मिनल से रोजाना 60 हजार यात्री सफर कर सकेंगे। वातानुकूलित टर्मिनल में 500 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था रहेगी। शहर में तैयार हो रहा नया बस स्टैंड उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ-2028 के लिहाज से भी बहुत ही उपयोगी होगा।
आईडीए द्वारा कुमेड़ी में 15 एकड़ में बनाया जा रहा इंटर स्टेट बस टर्मिनल के फाइनल टच का काम जारी है। अधिकारियों के अनुसार रोजाना 1300 बसों के आने का अनुमान है। यात्रियों की संख्या करीब 60 हजार रहेगी। आईएसबीटी का 95 पर्सेंट काम पूरा हो चुका है। टर्मिनल की मेन बिल्डिंग बन कर तैयार हो चुकी है। बसों के संचालन वाला हिस्सा भी तैयार है। परिसर में लाइट का काम तेजी से हो रहा है।

बस स्टैंड पर ड्राइवर-कंडक्टर सहित अन्य स्टाफ के लिए अलग से बिल्डिंग बनाई गई है। जिसमें रेस्ट रूम, पीने के पानी, टॉयलेट आदि की व्यवस्था है। ट्रैवल संचालकों के लिए भी 32 ऑफिस बनाए गए हैं। 100 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे इस टर्मिनल में यात्रियों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं जुटाई जा रही है।
यात्रियों के लिए रहेंगे 14 टिकट काउंटर
आईएसबीटी में बसों की पार्किंग की विशेष सुविधा रहेंगी। बसों के आने-जाने की व्यवस्था भी अलग-अलग होगी। यात्रियों के लिए 14 टिकट काउंटर रहेंगे। बसों में यात्रियों को बैठने और उतरने के लिए 43 प्लेटफार्म तैयार किए गए हैं। बस स्टैंड पर रेस्टोरेंट, एटीएम, सहित अन्य सामग्री के लिए 32 दुकानें बनाई गई है।
10 सितंबर को नायता मुंडला ISBT शुरू हुआ, लोक परिवहन महंगा पड़ रहा
नायता मुंडला बस स्टैंड का संचालन 10 सितंबर से शुरू किया गया था। यहां से प्रारंभिक तौर पर 30 बसों के साथ महाराष्ट्र और गुजरात रूट का संचालन शुरू हुआ। प्रशासन को अनुमान था कि जल्द ही 100 से 150 बसों का संचालन यहां से शुरू हो जाएगा। एआईसीटीएसएल व निजी ट्रेवल संचालकों द्वारा कुछ दिन तक तो बसें चलती रहीं। वर्तमान में यहां तीन-चार बसें ही नजर आती हैं। शेष बसें यात्रियों को अलग-अलग स्थानों पर छोड़कर अपने निजी डिपो में चली जाती हैं। शाम को जाने के समय वहीं से कुछ तय स्थानों से यात्रियों को लेकर संचालित की जा रही हैं। इसकी बड़ी वजह बस स्टैंड तक आवाजाही के लिए एप्रोच रोड का आधा अधूरा बनना है। दूसरा यात्रियों को बड़ी असुविधा होती है। लोक परिवहन पर बड़ी राशि खर्च होती है।

कोविड के कारण दो बार बढ़ी काम की डेडलाइन
शहर में तैयार हो रहे नए बस स्टैंड की स्वीकृति सितंबर 2019 में हुई थी। उस वक्त काम पूरा होने की डेडलाइन दिसंबर 2022 तय की गई थी। लेकिन कोविड के कारण काम में रुकावट आई। इस दौरान प्रोजेक्ट की डेडलाइन दो बार बढ़ाई जा चुकी है। फिलहाल आईडीए इसे दिसम्बर 2024 तक शुरू करने की योजना बना रहा है।


सिंहस्थ के लिहाज से फायदेमंद, मेट्रो की कनेक्टिविटी भी
कुमेड़ी आईएसबीटी एमआर-10 पर है। ऐसे में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के लिहाज से ये बहुत ही उपयोगी होगा। प्रदेश सहित अलग-अलग राज्य व शहरों से आने वाले लोगों को यहां से सीधे उज्जैन के लिए बस मिलेगी। इतना ही नहीं एमआर-4 सड़क का निर्माण पूरा होने के बाद यात्रियों को कुमेड़ी आईएसबीटी से रेलवे स्टेशन तक सीधी कनेक्टिविटी भी मिलेगी। आईएसबीटी के पास में ही मेट्रो स्टेशन है। यानी मेट्रो से भी बस स्टैंड तक यात्री आसानी से पहुंच सकेंगे। सिटी बसों के खड़े होने की विशेष जगह बनाई गई है। यहां से यूपी, राजस्थान, गुजरात, ग्वालियर, भिंड, मुरैना सहित भोपाल रूट की बसें संचालित होंगी।