‘बिका हुआ सामान वापस नहीं होगा ….क्या कहता है कानून ?
‘बिका हुआ सामान वापस नहीं होगा…’, लिखने वाले दुकानदारों की अब खैर नहीं, गुजरात में सख्ती; क्या कहता है कानून?
गुजरात सरकार ने कहा कि ग्राहक को किसी भी चीज को उसी रूप में वापस करने का अधिकार है जिस रूप में उसे किसी दुकान या मॉल से खरीदा गया था। दुकानदार इसे वापस लेने से इनकार नहीं कर सकता है। सर्कुलर में बताया गया कि अगर व्यापारी बेचा हुआ माल वापस लेने से इनकार करता है तो उसके खिलाफ उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
- बेचा हुआ माल वापस लेने से दुकादार ने किया इनकार तो होगी कार्रवाई
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपभोक्ताओं को कई अधिकार प्राप्त हैं।
नई दिल्ली। अक्सर शॉपिंग के दौरान कई दुकानों पर आपने एक चीज पढ़ी होगी, जिसमें लिखा होता है कि बिका हुआ सामान वापस नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि दुकानदारों का यह फैसला राइट ऑफ कंज्यूमर यानी ग्राहकों के अधिकार का हनन है। इस बात को गुजरात सरकार ने भी माना है।
गुजरात सरकार के सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि ग्राहक को किसी भी चीज को उसी रूप में वापस करने का अधिकार है जिस रूप में उसे किसी दुकान या मॉल से खरीदा गया था। दुकानदार इसे वापस लेने से इनकार नहीं कर सकता है।
गुजरात सरकार ने क्या कहा?
दोषी पाए जाने पर व्यापारी के खिलाफ जुर्माना और सजा का भी प्रावधान है। बता दें कि बेचा गया सामान वापस न लेने के खिलाफ गुजरात की कोर्ट व फोरम में 70 मामले लंबित हैं।
जब दुकानदार ने सामान वापस लेने से किया था इनकार
क्या है नियम?
विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर दुकानदार द्वारा सामान बेचे जाने के बावजूद कोई चीज ग्राहक की जरूरतों से मेल नहीं खाती है तो ग्राहक के पास उसे जस के तस वापस करने का अधिकार है। अगर दुकानदार चीज वापस लेने से मना करता है तो ग्राहक शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 (Consumer Protection Act, 2019) के तहत, उपभोक्ताओं के पास निम्नलिखित अधिकार हैं।
- यदि माल दोषपूर्ण है, तो ग्राहक को इसे बदलवाने का अधिकार है।
- यदि ग्राहक दोषपूर्ण माल को वापस करता है, तो सामान की कीमत दुकानदार को वापसी करनी होगी।
- अगर खरीदे गए सामान से ग्राहक को कोई नुकसान हुआ है तो ग्राहक नुकसान भरपाई का दावा भी कर सकता है।
कहां शिकायत कर सकते हैं उपभोक्ता?
यदि दुकानदार मानने से इनकार करता है, तो उपभोक्ता जिला उपभोक्ता फोरम, राज्य उपभोक्ता आयोग, या राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा, उपभोक्ता मामले मंत्रालय की वेबसाइट या उपभोक्ता हेल्पलाइन पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4000 पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर है जो उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।