प्राइवेट बैंकों में 25 फीसदी कर्मचारी क्यों छोड़ रहे नौकरी, क्या होगा नतीजा !

RBI News: प्राइवेट बैंकों में 25 फीसदी कर्मचारी क्यों छोड़ रहे नौकरी, क्या होगा नतीजा

प्राइवेेट बैंकों के 25 फीसदी कर्मचारी नौकरी छोड़ सकते हैं. इसका कस्टमर सेवाओं पर बुरा असर पड़ सकता है.

RBI On Private Banks: प्राइवेट बैंकों के लिए खतरे की घंटी हैं. उनके 25 फीसदी कर्मचारी नौकरी छोड़ रहे हैं. इसका कस्टमर सेवाओं पर बुरा असर पड़ सकता है. रिजर्व बैंक ने इस पर चिंता जताई है. रिजर्व बैंक की ओर से कहा गया है कि प्राइवेट बैंकों और छोटे फाइनेंशियल बैंकों में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर काफी अधिक है. इसमें 25 फीसदी तक की वृद्धि देखी जा रही है. रिजर्व बैंक की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में प्राइवेट बैंकों के कर्मचारियों की कुल संख्या सरकारी बैंकों से अधिक हो गई है. परंतु, इतनी बड़ी तादाद में नौकरी छोड़ने के कारण ग्राहक सेवाओं में बाधा पैदा होने के साथ ही कर्मचारियों की भर्ती लागत में भी वृद्धि होती है. इसलिए कर्मचारियों को रोकने काम केवल एचआर पर छोड़ने की जगह रणनीति बनाई जानी चाहिए. इसके लिए कर्मचारियों को बैंक के अंदर बेहतर माहौल, पर्याप्त ट्रेनिंग और जॉब ग्रोथ के अवसर भी प्रदान करने चाहिए. 
गोल्ड लोन के बारे में गिरेबां में झांकने की सलाहरिजर्व बैंक ने गोल्ड लोन के बारे में भी बैंकों को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह दी है. इलमें कहा गया है कि बैंकों को गोल्ड लोन के बारे में अपनी नीतियों की समीक्षा करनी चाहिए, ताकि इससे संबंधित सुधारात्मक उपाय शुरू किए जा सकें. इसमें बैंकों से गोल्ड लोन पोर्टफोलियो पर सावधावी से निगरानी रखने की हिदायत दी गई है. खासकर इस बारे में आउटसोर्सिंग और थर्ड पार्टी सर्विस से जुड़े कामों में नियंत्रण की जरूरत बताई गई है.

रिजर्व बैंक ने जारी की है बैंकिंग सेक्टर पर रिपोर्टरिजर्व बैंक की ओर से 2023-24 में बैंकिग टेंडेसी और ग्रोथ पर पूरी रिपोर्ट जारी की गई है. इसमें बैंकिंग सेक्टर से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है. कई सेक्टर की संभावनाओं और चुनौतियों के साथ ही इनसे निपटने के हिदायत भी दिए गए हैं.

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