उज्जैन : गोवर्धन सागर से हटेंगे 92 कब्जे …एनजीटी का बड़ा फैसला

एनजीटी का बड़ा फैसला:गोवर्धन सागर से हटेंगे 92 कब्जे, सालों से 52 दुकान और 40 घर अतिक्रमण कर बना रखे

सप्त सागरों में एक गोवर्धन सागर सालों बाद कब्जे और अतिक्रमण से मुक्त होगा। इसके लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने फैसला सुना दिया है। इसके बाद से गोवर्धन सागर की जमीन पर कब्जा व अतिक्रमण करने वालों में हड़कंप मच गया है। प्रशासन को दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई कर एनजीटी को रिपोर्ट देना है।

काफी समय से गोवर्धन सागर पर कब्जे व अतिक्रमण का मामला एनजीटी के पास विचाराधीन था, जिसमें हाल ही में 3 जनवरी को सुनवाई है। कलेक्टर, प्रदूषण बोर्ड, नगर निगम समेत अन्य संबंधित विभाग के पास मंगलवार को फैसले की काफी पहुंच गई। इसके बाद प्रशासनिक अमला भी कार्रवाई को लेकर तैयारी में जुट गया है।

एनजीटी ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि उज्जैन कलेक्टर और नगर निगम हर हाल में 4 फरवरी तक गोवर्धन सागर की भूमि पर काबिज सारे अतिक्रमण हटाए व रिपोर्ट दें। एनजीटी के आदेश को लेकर तहसीलदार आलोक चौरे ने कहा कि 40 घर व 52 दुकानें अतिक्रमण के रूप में गोवर्धनसागर पर है। इसमें नगर कोट की ओर से बने घर, बाउंड्रीवाल, दीवारें समेत सागर की तीन दिशा में फैला अतिक्रमण है, जिसे नगर निगम की मदद से शीघ्र हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

36 बीघा का गोवर्धन सागर 24 बीघा में ही सिमट कर रह गया गोवर्धन सागर 36 बीघा में फैला था। सरकारी रिकाॅर्ड में गोवर्धन सागर की पूरी जानकारी, जिसमें ये सामने आया है कि अब वह 24 बीघा पर सिमट गया है, क्योंकि तेजी से उसके पास अतिक्रमण हुआ। मुख्य रूप से इसमें विक्रमादित्य क्लाथ मार्केट के पीछे का हिस्सा भी सागर की भूमि में बताया गया है। इसके अलावा बंद हो चुके निर्मल सागर टॉकीज के पीछे का कुछ भाग, स्टेट बैंक की गली का कुछ हिस्सा समेत नगर कोट के समीप भी अतिक्रमण है।

सागर प्रदूषण मुक्त रहे इसलिए प्रयास -पॉल्यूशन बोर्ड ^प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रयास यही है कि सागर प्रदूषित होने से बचे, क्योंकि उसके आसपास अतिक्रमण है तो वेस्ट वाटर, ड्रेनेज का पानी उसे प्रदूषित करेगा। हमने नगर निगम को पत्र लिख दिया है। हेमंत तिवारी, मुख्य प्रबंधक प्रदूषण बोर्ड

आदेश आया है, अतिक्रमण हटवाएंगे -एडीएम जैन एनजीटी के फैसले की जानकारी मिली है। गोवर्धन सागर से अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम के माध्यम से जो भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। आदेश का पालन कराया जाएगा। – अनुकुल जैन, एडीएम

मित्तल होटल भी नदी से 200 मीटर के दायरे में, अतिक्रमण हटेगा

एनजीटी ने हरिफाटक फोरलेन स्थित मित्तल होटल के पीछे के हिस्से को भी शिप्रा नदी से 200 मीटर के ग्रीन बेल्ट की जद में माना है। इसमें भी एनजीटी ने फैसला सुनाते हुए अतिक्रमण को तत्काल हटाते हुए कार्रवाई के आदेश प्रशासन को दिए हैं।

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