UP: हाईटेक टाउनशिप परियोजना में हुई धोखाधड़ी, मालिकों के खिलाफ केस दर्ज ?

UP: हाईटेक टाउनशिप परियोजना में हुई धोखाधड़ी, मालिकों के खिलाफ केस दर्ज; प्राधिकरण ने की थी शिकायत

प्राधिकरण के सहायक अभियंता ने इनमें मेसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, प्रमोटर्स व मालिक सुशील अंसल उनके बेटे व सह मालिक प्रणव अंसल के अलावा शहजाद अहमद, शमीम अहमद व अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
Khurja Development Authority filed a case against Uttam Steels and Associates
सांकेतिक तस्वीर – फोटो : फाइल फोटो

बुलंदशहर-खुर्जा विकास प्राधिकरण ने तहसील दादरी गौतमबुद्धनगर में हाईटेक टाउनशिप परियोजना के नाम पर हुए फर्जीवाड़े में अंसल ग्रुप के मालिकों के खिलाफ दादरी कोतवाली में केस दर्ज कराया है। आरोप है कि एमएस उत्तम स्टील्स एंड एसोसिएट्स (कंसोर्टियम) ने नियमों को ताक पर रखकर सैकड़ों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। प्राधिकरण के सहायक अभियंता ने इनमें मेसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, प्रमोटर्स व मालिक सुशील अंसल उनके बेटे व सह मालिक प्रणव अंसल के अलावा शहजाद अहमद, शमीम अहमद व अन्य अज्ञात के आईपीसी की धारा-406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखा देने के इरादे से जालसाजी), 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज कराया है।

साल 2006 में उत्तर प्रदेश सरकार की हाईटेक टाउनशिप नीति-2003 के तहत इस परियोजना को मंजूरी मिली थी। प्रारंभ में 500.22 एकड़ कृषि भूमि को आवासीय उपयोग में बदलने के लिए कंपनी ने 28.57 करोड़ (भू-उपयोग शुल्क, नगरीय विकास शुल्क आदि) जमा किए थे। बिक्री योग्य भूमि का 25 प्रतिशत हिस्सा प्राधिकरण के पास बंधक रखा गया। हालांकि दूसरे और तीसरे चरण में कंपनी ने 85.67 करोड़ और 130.27 करोड़ के शुल्क का भुगतान नहीं किया।

कंसोर्टियम में बिना अनुमति के सर्वोत्तम इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट जैसी कंपनियों को शामिल किया गया। कंपनी के नौ सदस्यों विकास जैन, रिषभ जैन, शहजाद अहमद, संचित जैन, कोमल जैन, सर्वोत्तम रिटेल इंफ्रा, सर्वोत्तम होलटाऊन, वेल्यूर सिक्यूर सर्विस, बज एन ब्लिज इंटरप्राइजेज को शामिल करते हुए सर्वोत्तम रियल स्टेटको लीड मेम्बर नामित कर लिया गया। इसके बाद फेयरवे अपार्टमेंट नाम से 15 टावरों का विज्ञापन किया गया, लेकिन केवल 14 टावर बनाए गए। इनमें से भी सिर्फ 2 टावरों को ही आंशिक रूप से पूरा कर आवंटित किया गया।बिवा स्वीकृति लिए 1660 एकड़ में जारी किया था भूखंडों का विज्ञापन

आरोप है कि कंसोर्टियम ने बिना कंप्लीशन प्रमाणपत्र (सीसी) के फ्लैटों की बिक्री की। जिससे खरीदारों को बुनियादी सुविधाओं (पानी, बिजली) के अभाव का सामना करना पड़ रहा है। बिना स्वीकृति के 1660 एकड़ में भूखंडों का विज्ञापन और बिकी की गई। साइट पर प्राधिकरण के गैर-मौजूद स्वीकृति के बोर्ड लगाए गए। 17 जनवरी 2023 को आंशिक कंप्लीशन प्रमाणपत्र (सीसी) रद्द कर अधिकृत फ्लैटों को छोड़कर बाकी को सील करने का आदेश दिया गया था।
भू-स्वामित्व की जांच के लिए उप-जिलाधिकारी दादरी की अगुवाई में समिति गठित की गई है। 5 साल के विस्तार के लिए 13.28 करोड़ में से केवल 3.32 करोड़ जमा किए गए। वहीं आवंटियों का कहना है कि उन्हें सपना आवासीय परिसर के नाम पर ठगा गया। कई लोगों ने दिल्ली के बाराखंबा रोड थाने और दादरी में शिकायतें दर्ज कराई हैं। एक पीड़ितों का कहना है कि वह 4 साल से पानी और सीवर के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कंपनी ने अधूरे टावरों में ठूंस दिया है। एसीपी ग्रेटर नोएडा सौम्या सिंह का कहना है कि केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

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