नागपुर में क्यों भड़की हिंसा …सवालों के जवाब तलाश रही पुलिस ?
नागपुर में क्यों भड़की हिंसा, क्या थी अफवाह, कैसे जल उठा शहर, जानें सब कुछ
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हिंसा के मद्देनजर शांति और सद्भाव बनाये रखने की अपील की है. वहीं कांग्रेस समेत विपक्ष के नेताओं ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए लोगों से शांति की अपील की है.

औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक संगठन के प्रदर्शन के दौरान एक धर्मग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद नागपुर में सोमवार को हिंसा भड़क गई. इस दौरान किए गए पथराव में तीन पुलिसकर्मियों समेत नौ लोग घायल हो गए. पुलिस ने महल क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में तलाशी अभियान के दौरान 15 लोगों को गिरफ्तार किया. इससे पहले, पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय वाले महल क्षेत्र में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. अधिकारियों ने बताया कि महल के बाद हंसपुरी इलाके में भी उपद्रव की कुछ घटनाएं सामने आईं. यहां भी उपद्रवियों ने दुकानों में तोड़फोड़ और पथराव किया. साथ ही वाहनों में आग लगा दी.
फिलहाल प्रशासन ने नागपुर शहर के कई इलाकों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है. पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र कुमार सिंगल ने बताया कि नागपुर शहर के कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है. यह कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा.
कई पुलिसकर्मी घायलबता दें कि महल में उपद्रव के बाद घेराबंदी अभियान में पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी भी पथराव का शिकार हुए. अधिकारियों ने बताया कि जानकारी के अनुसार चिटनिस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां दंगाइयों ने कुछ चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया. उन्होंने बताया कि लोगों के घरों पर भी पत्थर भी फेंके गए.
कैसे शुरू हुई हिंसा?पुलिस के अनुसार, उपद्रव सोमवार देर शाम उस समय शुरू हुआ, जब बजरंग दल के सदस्यों ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया. पुलिस ने बताया कि अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान धर्मग्रंथ को जलाया गया है. बजरंग दल के प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुए, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश फैल गया.
गणेशपेठ थाने में शाम को कथित तौर पर धर्मग्रंथ जलाने के लिए शिकायत भी दर्ज कराई गई. पुलिस ने बताया कि शिकायत के बाद, बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग महल इलाके के अलग-अलग हिस्सों में इकट्ठा होने लगे. पुलिस ने संकट की आशंका को देखते हुए गश्त तेज कर दी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया.
संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ीपुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), दंगा नियंत्रण पुलिस और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) को तैनात किया गया है. विभिन्न थानों से अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को भी बुलाया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया और हिंसा के जिम्मेमदार 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.
पीड़ितों ने बयां की आंखों-देखीहंसपुरी के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि नकाबपोश समूह ने चेहरे स्कार्फ से छिपा रखे थे. उनके हाथों में धारदार हथियार, स्टिकर और बोतलें थीं. उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया, दुकानों में तोड़फोड़ की और पथराव किया. उन्होंने 8-10 वाहनों में भी आग लगा दी.
हजारों लोगों भीड़ ने किया पथरावमहल में एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उनकी कार हिंसा-आगजनी के दौरान आग के हवाले कर दी गई. यह घटना सोमवार रात करीब 8.30 बजे हुई. 500-1000 लोगों की भीड़ ने पथराव किया. उन्होंने हमारी कार के अलावा करीब 25-30 वाहनों में तोड़फोड़ की. एक अन्य स्थानीय ने कहा कि उपद्रवी पत्थर लेकर इधर-उधर भाग रहे थे. उन्होंने हमारे घरों पर पत्थर फेंके, यहां तक कि बच्चों पर भी. उन्होंने हमारे दरवाजे और खिड़कियां तोड़ दीं.
शांति बनाए रखने की अपीलवहीं सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शांति बनाए रखने की अपील की और लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने को कहा. मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि पुलिस महल इलाके में पथराव और तनावपूर्ण स्थिति को संभाल रही है. वह पुलिस के लगातार संपर्क में हैं और उन्होंने पुलिस से लोगों के साथ सहयोग करने को भी कहा है. वहीं गडकरी ने फडणवीस के सुर में सुर मिलाते हुए लोगों से प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की.
नागपुर से सांसद गडकरी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि नागपुर का हमेशा से शांति का इतिहास रहा है. मैं अपने सभी भाइयों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. अफवाहों पर विश्वास न करें और सड़कों पर न उतरें.
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशानावहीं कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा राज्य के गृह विभाग की विफलता को दर्शाता है. सपकाल ने कहा कि मंत्रियों द्वारा पिछले कुछ दिनों से जानबूझकर भड़काऊ भाषण दिये जा रहे थे. सपकाल ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित करार देते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि नागपुर में सभी धर्मों के लोग सद्भावनापूर्वक रहते हैं.
हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषणसपकाल ने एक बयान में कहा कि नागपुर में जारी तनाव, पथराव और आगजनी गृह विभाग की घोर विफलता है. पिछले कुछ दिनों से राज्य के मंत्री जानबूझकर समाज में हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण दे रहे हैं. ऐसा लगता है कि नागपुर में उनकी कोशिशें सफल हो गई हैं. शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने राज्य में कानून-व्यवस्था बुरी तरह से बिगड़ने का आरोप लगाया.
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पत्थरबाजी-पेट्रोल बम, हथियार और भीड़… नागपुर हिंसा से जुड़े इन सवालों के जवाब तलाश रही पुलिस

महाराष्ट्र के नागपुर के महाल इलाके में औरंगजेब की कब्र को लेकर प्रदर्शन को लेकर अफवाह उड़ी. इसके बाद दो गुटों में जमकर पत्थरबाजी हुई और उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की. हालात काबू करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े. इस बीच मंगलवार को हालात काबू में हैं. कई इलाकों में धारा 163 लागू कर दी गई है.
नागपुर हिंसा में उपद्रवियों ने कई गाड़ियों और दो जेसीबी को आग के हवाले कर दिया. 50 लोगों को पकड़ा गया है. सीसीटीवी और वीडियो के आधार पर बाकी आरोपियों की तलाश हो रही है. साथ ही साथ लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है. .स्थानीय लोगों के मुताबिक, उपद्रवियों ने कई दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. लोगों ने पुलिस पर इलाके में आने और कार्रवाई करने में देरी का आरोप लगाया है. वहीं, नागपुर हिंसा और आगजनी से जुड़े कई सवाल हैं, जिनपर नागपुर पुलिस जांच कर रही है.
किन सवालों के जवाब तलाश रही है पुलिस?
- पुलिस ये पता लगा रही है कि एक साथ 400 से 500 लोगों की भीड़ किसने जुटाई? इस भीड़ में ज्यादातर युवा लड़के थे और एक खास धर्म की पोशाक पहने थे. इनके चेहरों पर रुमाल और नकाब बंधे हुए थे, तो क्या इन्हें किसी खास शख्स या समूह ने उकसाया या गलत जानकारी देकर भड़काया?
- बड़ा सवाल जांच का ये भी है कि भीड़ सिर्फ महाल या चिटनिस पार्क या इमामवाड़ा इलाकों में नहीं थी बल्कि अलग-अलग इलाकों से युवक हाथों में पत्थर और पेट्रोल बोतल लेकर एकसाथ हो गए और रास्ते में जो कुछ भी मिला उसे तोड़ते और जलाते गए? तो क्या थी इनकी योजना, कौन था इनका लीडर, भीड़ में कौन इन्हें कह रहा था कि क्या करना है, कहा जाना है, किन इलाकों को टारगेट बनाना है?
- जिन घरों पर एक विशेष धर्म का ध्वज या फोटो थी उन घरों को जलाने की कोशिश की गई, कई घरों को पेट्रोल डालकर आग लगाया गया, लेजिन आग ज्यादा भड़की नहीं और लोग बच गए, तो क्या लोगों को घरों में बंद करके आगजनी कर जिंदा जलाने की भी साजिश थी? इस लाइन पर भी पुलिस जांच कर रही है.
- नागपुर पुलिस पता लगा रही है कि इतनी बड़ी संख्या में ईंट, पत्थर इन हुड़दंगियों ने कहा से बटोरे, क्या विश्व हिंदू परिषद के औरंगजेब की कब्र के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद हमले की साजिश बननी शुरू हुई और किसी समूह ने इस भीड़ को पत्थर लेकर दिए, पेट्रोल लेकर बोतलों में भरा गया?
- क्या इन हमलावरों के पास कुल्हाड़ी, धारदार हथियार भी थे क्योंकि कुछ पुलिस वालों पर हथियार से हमले की खबर आई है. पुलिस ये भी जांच कर रही है कि क्या पुलिस वालों की हत्या की साजिश रची गई थी क्योंकि इस हिंसा में 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिसमें 5 ज्यादा गंभीर रूप से घायल हैं. अगर इनके पास हथियार थे तो वो हथियार कहा से लाए गए, किसने मुहैया करवाए?
- जिस तरह से गाड़ियों को आग लगाई गई उससे ये भी साबित हो रहा है कि बाजार इलाको में बड़ी तबाही करने की उपद्रवियों की योजना थी, तो इस योजना पर काम करना है ये किस शख्स ने इन उपद्रवियों को बताया था, क्या सोशल मीडिया के जरिए भीड़ बटोरी गई, क्या कोई अपील की गई कि बदला लेना है या हमला करना है, इसकी भी पुलिस जांच कर रही है.