इंदौर : घटिया दवाओं से मरीजों की जान खतरे में ?

घटिया दवाओं से मरीजों की जान खतरे में
एमपी के डॉक्टरों की मांग, सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाइयों पर जीरो टॉलरेंस नीति लागू हो

सरकारी अस्पतालों में घटिया क्वालिटी वाली दवाइयों की सप्लाई के खिलाफ टॉलरेंस नीति की मांग की है। डॉक्टरों ने सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री और राज्य के मुख्य सचिव को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें दोषियों के खिलाफ उम्रकैद की मांग की है।

खतरे में डाल रही मरीजों की जान

स्वायत्त चिकित्सक संघ ने मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPPHSCL) के माध्यम से सप्लाई की जानी वाली घटिया क्वालिटी की दवाइयों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। संघ का कहना है कि ये दवाइयां न सिर्फ मरीजों की जान को खतरे में डाल रही है, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से जनता का विश्वास भी उठता है। मामले में पहले भी शिकायतें की चुकी हैं लेकिन घटिया दवाइयां सप्लाई करने वाली फार्मास्युटिकल कंपनियों के खिलाफ कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। संघ ने चेतावनी दी कि लगातार लापरवाही स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकती है।

मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राहुल रोकड़े ने बताया

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सरकारी अस्पतालों में घटिया क्वालिटी वाली दवाइयां मरीजों की जान को खतरे में डाल रही हैं। डॉक्टरों के लिए यह गंभीर विषय है। ये लाइफ सेविंग दवाइयां हैं, लेकिन उनकी खराब क्वालिटी के कारण इसका असर खत्म हो जाता है। हमने राज्य सरकार से अपील की कि इसके लिए ठोस कदम उठाएं।

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