‘जनता जातिवादी नहीं होती, बल्कि नेता होते हैं’ !

 ‘जनता जातिवादी नहीं होती, बल्कि नेता होते हैं’, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बेबाक बोल

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘लोग जातिवादी नहीं होते, बल्कि नेता अपने स्वार्थ के लिए जातिवादी होते हैं।’ उन्होंने कहा कि सामाजिक असमानता को खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जातिगत भेदभाव खत्म होना चाहिए और इसकी प्रक्रिया खुद से शुरू होनी चाहिए।
Union Minister Nitin Gadkari Said People Are Not Casteist But Political Leaders Are Know all about it

नितिन गडकरी – फोटो : PTI

केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने एक बार फिर बेबाक बयान दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि लोग जातिवादी नहीं होते, बल्कि नेता अपने स्वार्थ के लिए जातिवादी होते हैं। यहां एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पिछड़ापन राजनीतिक हित बनता जा रहा है। गडकरी ने कहा, ‘इस बात की होड़ लगी रहती है कि कौन ज्यादा पिछड़ा है।’

सामाजिक असमानता को खत्म करने की जरूरत
उन्होंने कहा, ‘लोग जातिवादी नहीं होते, बल्कि नेता अपने स्वार्थ के लिए जातिवादी होते हैं।’ उन्होंने कहा कि सामाजिक असमानता को खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जातिगत भेदभाव खत्म होना चाहिए और इसकी प्रक्रिया खुद से शुरू होनी चाहिए।‘जो करेगा जाति की बात, उसके कस के मारूंगा लात’
इससे पहले  गडकरी ने जातिगत भेदभाव को लेकर अहम टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि मैं जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करता हूं। चाहे मुझे फिर वोट मिले या न मिले। लोग जाति के आधार पर मुझसे मिलने आते हैं। मैंने उन सबसे 50,000 लोगों में कह दिया कि जो करेगा जाति की बात, उसके कस के मारूंगा लात। मैं धर्म और जाति की बातें सार्वजनिक रूप से नहीं करता। चाहे चुनाव हार जाऊं या मंत्री पद चला जाए, मैं अपने इस सिद्धांत पर अटल रहूंगा।

‘भले ही मुझे वोट मिले या न मिले, मैं अपने हिसाब से चलता हूं’
केंद्रीय मंत्री ने 15 मार्च को नागपुर में सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के दीक्षांत समारोह में शिरकत की थी। उन्होंने कहा था कि किसी व्यक्ति का मूल्य जाति, धर्म, भाषा या लिंग के बजाय उसके गुणों से निर्धारित होना चाहिए। किसी व्यक्ति को उसकी जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग से नहीं, बल्कि उसके गुणों से जाना जाता है। इसलिए हम जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे। गडकरी ने याद किया था कि कैसे कई लोग अपनी जातिगत पहचान के आधार पर उनसे संपर्क करते थे, लेकिन वह अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे। मैं राजनीति में हूं और यहां यह सब चलता रहता है, लेकिन मैं इससे इनकार करता हूं, भले ही इससे मुझे वोट मिले या न मिले। मैं अपने हिसाब से चलता हूं। 

 

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