विकास दुबे मामला: 3 दर्जन पुलिसकर्मी संदेह के घेरे में, अबतक 4 पुलिस वाले हो चुके हैं सस्पेंड

लखनऊ। कानपुर में 8 पुलिस वालों को शहीद करने वाला ढाई लाख का इनामी बदमाश विकास दुबे की तलाश तो चल ही रही है साथ में उन पुलिसवालों को भी ढूंढा जा रहा है जिनके विकास के साथ करीबी रिश्ते थे। पुलिस को शक है कि किसी पुलिस वाले ने ही विकास को बताया था कि पुलिस टीम उसके घर आ रही है। पुलिस लगभग तीन दर्जन पुलिस कर्मियों से पूछताछ कर रही है। मामले की जांच कर रही टीम को पता चला है कि बिकरु गाव में विकास के घर कई पुलिस वालों का आना-जाना था।

जांच कर रही एसटीएफ इन पुलिस वालों के कॉल रिकार्ड्स चेक कर रही है। शक के घेरे में डिप्टी एसपी रैंक से लेकर कांस्टेबल तक हैं। सूत्रों के मुताबिक, शक के दायरे में आए पुलिस वालों के पास सवालों के जवाब नहीं हैं। अभी इस मामले में चौबेपुर थाने के 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए हैं, इनमें आज (6 जुलाई) तीन पुलिस वाले सस्पेंड हुए है जिसमें दरोगा कुँवर पाल, कृष्ण कुमार शर्मा और सिपाही राजीव शामिल हैं। इसके पहले चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी को ससपेंड किया गया था। \रतलब है कि घटना के 3 दिन बाद भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का कुछ पता नहीं चल सका है। कल यानी रविवार (5 जुलाई) को विकास दुबे का करीबी दयाशंकर अग्निहोत्री पकड़ा गया था। उसने कबूल किया था कि विकास दुबे ने ही पुलिसवालों पर गोली चलाई थी। दयाशंकर ने बताया था कि रेड की खबर विकास को थाने से पता चली थी, जिसके बाद विकास ने 25-30 लोगों को बुलाया था।

इसके पहले आज कानपुर एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा की एक चिट्ठी सामने आई। देवेंद्र मिश्रा ने यह चिट्ठी कानपुर के एसएसपी को लिखी थी। इसमें उन्होंने बड़े हमले की आशंका जताई थी। मिश्रा ने एसएसपी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि उन्होंने थानाध्यक्ष विनय तिवारी को अपराधी विकास दुबे के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया, लेकिन थानाध्यक्ष ने कार्रवाई नहीं की। सीओ ने एसएसपी को यह चेताया भी था कि अगर जल्द कोई कार्रवाई न हुई तो गंभीर घटना हो सकती है।

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