सोनिया गांधी की सलाह- कांग्रेस शासित राज्‍य कृषि कानून लागू न करें, उपाय खोंजे

किसान संगठनों और विपक्षी दलों के भारी हंगामें के बीच संसद से पारित कृषि विधेयक (Farm Bills) राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब कानून बन चुके हैं. हालांकि अभी भी इन विधेयकों के खिलाफ विपक्षी दलों और किसानों का विरोध जारी है. एनडीए (NDA) के सहयोगी दल भी इन विधेयकों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद किए हुए हैं. सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कांग्रेस शासित राज्यों से कहा कि वे केंद्र के कृषि विधेयकों को खारिज करने के लिए कानून पर विचार करें.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने कांग्रेस शासित राज्यों से कहा है कि वो संविधान के अनुच्छेद 254 (2) के तहत अपने राज्यों में कानून पारित करने की संभावनाओं का पता लगाएं, जो राज्य विधानसभाओं को एक केंद्रीय कानून को ओवरराइड करने के लिए कानून पारित करने की अनुमति देता है बशर्ते उसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली हो. ‘

उन्होंने कहा कि ये राज्यों को कृषि कानूनों में किसान विरोधी कठोर प्रावधानों को अस्वीकार्य करने के लिए सक्षम बनाएगा. बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार 27 सितंबर को तीनों कृषि विधेयकों को मंजूरी दे दी थी.

सोनिया गांधी जिस कानून के बारे में बात कर रही थी, वो किसी भी राज्य विधानसभा को ‘संसदीय कानून के प्रति निंदनीय’ कानून पारित करने की अनुमति देता है, अगर राष्ट्रपति से उस कानून को मंजूरी मिल जाती है.

राष्ट्रपति ने किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को मंजूरी दी है.

विरोध में आए सहयोगी दल

कृषि विधेयकों के विरोध में एनडीए के पुराने सहयोगी अकाली दल ने पहले कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और फिर एनडीए से खुद को अलग कर लिया. अकाली दल ने इन विधेयकों को किसानों, कृषि मजदूरों और आढ़तियों के खिलाफ बताते हुए कहा, ‘किसानों के संपूर्ण हित में हम हर संघर्ष के लिए तैयार हैं.’

सोमवार सुबह करीब 15 से 20 लोग कृषि विधेयकों के विरोध में इंडिया गेट के पास जमा हुए. सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इन लोगों ने अपने साथ लाए एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया. ये लोग अपने साथ भगत सिंह की तस्वीर भी लाए थे. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी तीनों कृषि विधेयकों के खिलाफ सोमवार को धरना दिया.

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