बलिया में अधिकारियों के सामने हत्या, योगी ने SDM, CO समेत कई पुलिसकर्मियों को किया निलंबित
बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित दुर्जन बैरिया में सरकारी कोटे की दुकान को लेकर हुए विवाद में एसडीएम और सीओ के सामने दिनदहाड़े एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना दुर्जनपुर गांव की बताई जा रही है। गोली चलते ही वहां भगदड़ मच गई। गोली लगने से घायल युवक को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मौके से अफसर समेत सभी लोग भाग निकले। भगदड़ का फायदा उठाकर आरोपी भाजपा नेता धीरेंद्र सिंह भी फरार हो गया। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
इस दौरान ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे भी चले जिसमें कई लोग घायल हो गए। बलिया के इस मामले का तत्काल ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेते हुए घटनास्थल पर मौजूद एसडीएम, सीओ सहित सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। साथ ही आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश देते हुए वहां मौजूद अफसरों के भूमिका की जांच के भी निर्देश दिए हैं। तनाव को देखते हुए गांव में कई थानों की पुलिस तैनात कर दी गई है।
दुर्जनपुर की दुकान के लिए दो समूहों के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि वोटिंग वहीं करेंगे, जिसके पास आधार या कोई दूसरा पहचान पत्र होगा। एक पक्ष के पास कोई आईडी प्रूफ नहीं था। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया।
बलिया पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र नाथ ने बताया कि, “ग्राम दुर्जनपुर में सरकारी कोटे की दुकान के लिए चयन की प्रक्रिया चल रही थी। उसमें दो समूह सहायता के लोग थे। एक का समर्थन धीरेन्द्र सिंह डब्लू कर रहे थे। दोनों में कहा सुनी हो गयी। जब हंगामा करने लगे तो एसडीएम ने प्रक्रिया को बाधित होते देख बंद कर दिया गया। तभी लोग जा रहे थे। तभी धीरेन्द्र सिंह ने फायरिंग कर दी उसमें जयप्रकाट उर्फ गामा को गोली लग गयी। अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गयी। सारे मामलों की जांच की जा रही है। मामले में विधिक कार्यवाही की जा रही है।”
स्थानीय लोगों के अनुसार, “बलिया के ग्राम सभा दुर्जनपुर और हनुमानगंज की कोटे की दो दुकानों के आवंटन के लिए गुरुवार को पंचायत भवन पर बैठक बुलाई गई। इसमें एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। दुकानों के लिए चार स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया। इसमें भी वहां दुर्जनपुर की दुकान के लिए आम सहमति नहीं बन सकी।”