लव जिहाद पर यूपी के बाद MP ला रहा कानून, पादरी और मौलवी को भी पांच साल की सजा का प्रावधान
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी आदित्यनाथ सरकार ने लव जिहाद (Love Jihad) के खिलाफ कड़ा अध्यादेश तैयार किया है. यूपी के बाद मध्य प्रदेश भी अब लव जिहाद के मुद्दे पर शिकंजा कसता दिख रहा है. बुधवार को मध्य प्रदेश में धर्म स्वतंत्र विधेयक 2020 को लेकर मंत्रालय में बैठक आयोजित हुई. बैठक में कानून का ड्राफ्ट तय किया गया. मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस बात की जानकारी दी.
नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा ”धर्म स्वातंत्र्य विधेयक के ड्राफ्ट में बहला-फुसलाकर,डरा-धमकाकर धर्मांतरण के लिए विवाह करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. इस तरह की शादी-निकाह कराने वाले धर्म गुरु,काजी-मौलवी,पादरी को भी 5 साल की सजा होगी. ऐसी शादियां कराने वाली संस्थानों का पंजीयन भी निरस्त किया जाएगा.”
10 प्वाइंट में समझिए ड्राफ्ट
- बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबरदस्ती धर्मांतरण और विवाह पर 10 साल की सजा का प्रावधान होगा.
- धर्मांतरण और धर्मांतरण के पश्चात होने वाले विवाह के लिए 1 माह पूर्व डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन प्रस्तुत करना होगा.
- बगैर आवेदन प्रस्तुत किए धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को 5 साल तक की सजा का प्रावधान होगा.
- धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत स्वयं पीड़ित, माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है.
- यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा.
- जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जाएगा.
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त होगा.
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध मुख्य आरोपी की तरह ही न्यायिक कार्यवाही की जाएगी.
- धर्मांतरण और विवाह के आरोपी को स्वयं ही प्रमाणित करना होगा कि यह कार्य बगैर किसी दबाव के, बगैर किसी धमकी के, बगैर किसी लालच दिए और बगैर बहकाए किया गया है.
- इस प्रकार का विवाह शुन्य माना जाएगा.