कोरोना वायरस ने बदल दी है दुनिया! आपके जीवन में भी होंगे ये बड़े बदलाव
महामारी का सबसे ज्यादा असर पर्यटन उद्योग पर पड़ा है. वायरस संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन से लोग अपने घरों में कैद रहे. जिससे पर्यटन स्थल सूने हो गए और अभी भी लोग अपने घरों से बाहर निकलने में घबरा रहे हैं.
नई दिल्लीः साल 2020 में कोरोना संकट के चलते दुनियाभर के लोगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. यह साल लगभग सभी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. इस महामारी का असर हमारे जीवन पर इतना गहरा हुआ है कि नया साल 2021 अपने साथ कई बड़े बदलाव लाएगा. ये बदलाव आर्थिक, सामाजिक और भू-राजनैतिक स्तर पर भी होंगे. ऐसे ही कुछ बदलावों निम्न हो सकते हैं, जो कि अनुमान पर आधारित हैं.
वैक्सीनेशन
कोरोना महामारी के बीच अब पूरी दुनिया की नजरें सबसे पहले इसकी वैक्सीन पर लगी हुई हैं. कुछ देशों में वैक्सीनेशन का काम शुरू हो चुका है, वहीं कुछ देशों में होने वाला है. भारत में भी कई वैक्सीन अपने ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं और जल्द ही उनके इस्तेमाल की मंजूरी सरकार की तरफ से मिल सकती है. इसके अलावा सरकार कुछ विदेशी वैक्सीन को भी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है. माना जा रहा है कि जनवरी के शुरुआती दिनों में देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू हो सकता है. सरकार ने इसके लिए अपने स्तर पर तैयारी भी शुरू कर दी है. हालांकि इस काम में लंबा वक्त लगेगा और बड़ी आबादी तक वैक्सीन पहुंचाना एक कठिन चुनौती होगा लेकिन भारत के साथ ही पूरी दुनिया की नजरें जल्द से जल्द कोरोना महामारी से छुटकारा पाने पर लगी हैं.
महामारी का सबसे ज्यादा असर पर्यटन उद्योग पर पड़ा है. वायरस संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन से लोग अपने घरों में कैद रहे. जिससे पर्यटन स्थल सूने हो गए और अभी भी लोग अपने घरों से बाहर निकलने में घबरा रहे हैं. इसके चलते पूरी दुनिया का पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. जिससे उबरने में उसे अभी काफी वक्त लग सकता है. 2021 में पर्यटन उद्योग को उम्मीद है कि हालात कुछ बेहतर होंगे लेकिन ये भी तय है कि अब पर्यटन उद्योग में बड़ा बदलाव आएगा. पर्यटन उद्योग से जुड़ी कंपनियां अब साफ-सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग, सुरक्षा और खान-पान को अपने पैकेज में ज्यादा प्रमोट करेंगी. साथ ही टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर भी इन चीजों का ध्यान रखा जाएगा. ऐसे उपाय किए जाएंगे, जिससे संक्रमण का खतरा कम से कम हो. लोग ऐसी जगहों पर जाने से बचेंगे, जहां भीड़ ज्यादा हो.
ऑटो इंडस्ट्री में तेजी का अनुमान
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लोग सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल कम कर सकते हैं. ऐसे में दोपहिया वाहन और कारों की बिक्री में तेजी आ सकती है. दरअसल सार्वजनिक परिवहन में लोगों को भीड़ का सामना करना पड़ता है. जिसमें वायरस संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे में लोग भीड़ से बचने के लिए अपना खुद का वाहन खरीद सकते हैं. हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि देश की अर्थव्यवस्था बेहतर होती है या नहीं.
अर्थव्यवस्था
साल 2021 में अर्थव्यवस्था सुधारने पर सभी देशों का जोर होगा. कोरोना के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था को काफी गिरावट झेलनी पड़ी है. कई कंपनियां बंद हो गई, लाखों-करोड़ों लोगों की नौकरियां गई. ऐसे में जब इस साल वैक्सीनेशन की मदद से इस महामारी पर काबू पा लिया जाएगा तो सभी देश आर्थिक मोर्चे पर मजबूती बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे. आईएमएफ ने साल 2020 में कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में नकारात्मक ग्रोथ की बात कही थी. उम्मीद की जा रही है कि 2021 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत से अधिक रह सकती है.
बदल जाएगी काम करने की संस्कृति
कोरोनाकाल में बड़ी संख्या में लोगों ने घर से काम किया. अब अनुमान है कि कोरोनाकाल के बाद भी कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा देंगी. इसका असर ये होगा कि इस साल वर्क फ्रॉम होम कल्चर का बोलबाला रहेगा और हो सकता है कि भविष्य में भी कई कंपनियां इसे जारी रखें. ऐसे में ऑफिस स्पेस की मांग में कमी आ सकती है और साथ ही रियल एस्टेट कंपनियां ऐसे घरों का निर्माण शुरू कर सकती हैं, जिनमें ऑफिस का काम करने के लिए अलग स्पेस दिया गया हो.
सिनेमा पर ओटीटी प्लेटफॉर्म का प्रभाव
2020 में कोरोना के चलते सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स बंद रहे. जिससे कई बड़ी फिल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई. इसके साथ ही 2020 में कई वेब सीरीज का निर्माण हुआ, जिन्हें लोगों ने खूब पसंद किया. अब बड़े-बड़े सितारे भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दस्तक देने के लिए तैयार हैं. माना जा रहा है कि भविष्य में भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्में रिलीज होंगी और सिनेमा और ओटीटी मनोरंजन के समांतर माध्यम बनेंगे.
तकनीक के इस्तेमाल में होगी बढ़ोत्तरी
कोरोना के चलते हमारे जीवन को आगे बढ़ाने में तकनीक का बहुत बड़ा हाथ रहा. तकनीक के चलते ही लोगों ने घर बैठे ऑफिस के काम किए. डिजिटल ट्रांजैक्शन का इस्तेमाल बढ़ा. अब अनुमान है कि 2021 के मध्य में भारत में 5जी तकनीक भी आ जाएगी. जिसके बाद देश में हाई स्पीड इंटरनेट के चलते तकनीक का इस्तेमाल और बढ़ेगा. दुनिया के कुछ देशों में तो 6जी तकनीक पर भी काम हो रहा है.
ऑनलाइन एजुकेशन
2020 में अधिकतर समय स्कूल कॉलेज बंद रहे. जिसके चलते ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम बना. चूंकि अभी वैक्सीनेशन में काफी समय लगेगा तो तब तक स्कूल-कॉलेज भी ऑनलाइन मोड में ही पढ़ाई कराएंगे. कई कोचिंग संस्थान भी ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम लागू कर रहे हैं. इस तरह हम देख रहे हैं कि इस साल भी ऑनलाइन एजुकेशन का सिस्टम और मजबूत होगा.