अब नहीं दिखेगा ‘सरकारी’ ‘ठेका’ देसी शराब का बोर्ड, आबकारी विभाग ने शब्द हटाने के दिए निर्देश
राज्य में जितनी भी शरीब, बीयर और भांग की दुकानें हैं, उनका लाइसेंस प्रदेश सरकार ही जारी करती है. इसलिए अब तक हर दुकान पर सरकारी लाइसेंसी शराब/बीयर की दुकान या सरकारी भांग का ठेका लिखा होता था.
लखनऊ: प्रदेश भर में बीयर और शराब की दुकानों पर लगे साइनबोर्ड से ‘सरकारी’ और ‘ठेका’ शब्द हटा दिए गए हैं. दोनों शब्दों पर काले रंग से पेंट कर उन्हें मिटा दिया गया है. बीते बुधवार आबकारी विभाग के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है. ठेका संचालकों के मुताबिक, आबकारी विभाग की तरफ से जारी निर्देशों का अनपुालन करते हुए यह शब्द मिटाए जा रहे हैं. अब इन दुकानों के साइन बोर्ड पर केवल ‘देसी शराब’, ‘अंग्रेजी शराब’ की दुकान या ‘बीयर शॉप’ ही लिखा जाएगा.
सरकार ही देती है शराब का लाइसेंस
गौरतलब है कि आज सुबह से ही राजधानी लखनऊ की शराब की दुकानें लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. क्योंकि शराब की दुकानों से सरकारी और ठेका शब्द हटा दिए गए हैं. बता दें, राज्य में जितनी भी शरीब, बीयर और भांग की दुकानें हैं, उनका लाइसेंस प्रदेश सरकार ही जारी करती है. इसलिए अब तक हर दुकान पर सरकारी लाइसेंसी शराब/बीयर की दुकान या सरकारी भांग का ठेका लिखा होता था. लेकिन अब सरकार नहीं चाहती कि यह शब्द इस्तेमाल किए जाएं. इसलिए आबकारी विभाग ने इन्हें हटाने के आदेश दिए हैं.
घर में रखनी है शराब, तो लेना होगा लाइसेंस
अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं और घर में बार की व्यवस्था करने का शौक है, तो आपको सरकार से लाइसेंस लेना होगा. नई आबकारी नीति के अनुसार घर में 6 लीटर से ज्यादा शराब या बीयर रखने पर जिला कलेक्ट्रेट से लाइसेंस लेना जरूरी होगा. इसकी सिक्योरिटी फीस 51,000 रुपये तय की गई है. यह लाइसेंस एक साल के लिए वैलिड होगा और आपको हर साल इसे रिन्यू कराना होगा. जानकारी के मुताबिक, लाइसेंस रिन्यू कराने की फीस 12,000 रुपये तय की गई है. मतलब, हर साल आपको 12,000 हजार रुपये दे कर लाइसेंस रिन्यू कराना होगा.