मृत किसान के परिवार से मिलीं प्रियंका गांधी, परिजनों ने कहा- यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं

प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से पहले समाजवादी पार्टी के नेता और RLD के नेता जयंत चौधरी भी यहां नवरीत चौधरी के घर आ चुके हैं. हालांकि परिवार वालों ने बार-बार कहा कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह प्रार्थना सभा है.

दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन किसान आंदोलन (Farmers Protest) के दौरान हुई हिंसा के दौरान ट्रैक्टर पलटने से मारे गए नवरीत सिंह के परिजनों से मिलने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) रामपुर पहुंची. प्रियंका गांधी गुरुवार को बिलासपुर तहसील के डिबडिबा गांव पहुंची और अंतिम अरदास में शामिल हुई. उन्होंने नवरीत सिंह को श्रद्धांजलि दी और परिवार के लोगों का हालचाल जाना. बाद में, लोगों से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि नवरीत की शहादत बेकार नहीं जाएगी.

उन्होंने कहा, “पूरा देश आपके साथ है. सब जानते हैं कि किसानों के साथ गलत हुआ है. किसानों को आतंकवादी कहना स्वीकार नहीं है.” बता दें कि इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता राम गोविंद चौधरी और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी भी यहां नवरीत चौधरी के घर आ चुके हैं. हालांकि परिवार वालों ने बार-बार कहा कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह प्रार्थना सभा है.

किसानों के साथ बहुत बड़ा जुल्म हो रहा है : प्रियंका गांधी

प्रियंका ने परिजनों से कहा, “आपका बेटा किसानों का समर्थन करने के लिए दिल्ली गया था लेकिन उसके साथ ऐसा हादसा हुआ कि वो वापस नहीं आया. कोई राजनीतिक साजिश के लिए वो वहां नहीं गया था, वो इसलिए गया क्योंकि उसके दिल में किसानों के लिए दुख था. सरकार कानूनों को आज वापस नहीं ले रही है जबकि उनको इसे वापस लेना चाहिए. ये किसानों के साथ बहुत बड़ा जुल्म हो रहा है.”

तेज स्पीड में ट्रैक्टर चलाने से हुई थी मौत

दरअसल, ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान नवनीत सिंह की ट्रैक्टर परेड (Farmers tractor rally) के दौरान स्टंट करते वक्त मौत हो गई थी. किसान की मौत के बाद प्रदर्शनकारी उसकी मौत का कारण पुलिस की गोली बता रहे थे. जबकि दिल्ली पुलिस ने तेज स्पीड में ट्रैक्टर चलाने को मौत का कारण बताया था. वहीं, CCTV फुटेज सामने आने पर पूरा मामला साफ हो गया था. CCTV फुटेज की क्लिप में साफ दिखाई दे रहा है कि उसकी मौत स्टंट के दौरान ट्रैक्टर पलटने के चलते ही हुई थी, न कि पुलिस की गोली से. जबकि इस हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए थ

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