अभी जेल में ही रहेंगे लालू प्रसाद यादव, चारा घोटाला मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 5 मामले चल रहे हैं, जिनमें से चार मामलों में उन्हें सजा मिली है. इन चार में तीन मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई है.
चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव को सीबीआइ कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है. पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील की ओर से समय देने का आग्रह किया गया था, जिसके कारण मामले की सुनवाई टल गई थी. वहीं कोर्ट में लालू प्रसाद के वकील की ओर से आधी सजा पूरी कर लिए जाने की जानकारी देते हुए जमानत देने का आग्रह किया गया था.
चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 5 मामले चल रहे हैं, जिनमें से चार मामलों में उन्हें सजा मिली है. इन चार में तीन मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई है. साथ ही एक मामले में अभी सीबीआई कोर्ट में सुनवाई जारी है. लालू प्रसाद यादव की वकील की ओर से याचिका में कहा गया था कि जेल में वो 42 महीन, 28 दिनों की हिरासत की अवधि पूरी कर चुके हैं और इसलिए उन्हें जमानत मिलनी चाहिए.
तेज प्रताप का पोस्टकार्ड अभियान
उधर सीबीआई ने जमानत का विरोध किया था. सीबीआई ने कहा कि लालू यादव की आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है और इस कारण उन्हें जमानत नहीं मिल सकती. वहीं पिछले हफ्ते लालू के बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 50 हजार पोस्टकार्ड भेजकर रिहाई के लिए मुहिम चलाई. साथ ही कहा कि जब तक उनके पिता को रिहा नहीं किया जाता, तब तक ये अभियान जारी रहेगा. तेज प्रताप यादव ने कहा कि इन पोस्टकार्ड को हम बिहार और भारत से ला रहे हैं.
दिसंबर 2017 से जेल में बंद लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत 2018 में सात साल की सजा और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सात साल की सजा सुनाई गई थी. ये मामला 1991 से 1996 के बीच पशुपालन विभाग के अधिकारियों की तरफ से दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी से संबंधित है. उस दौरान लालू यादव मुख्यमंत्री के पद पर थे.