UP Panchayat Election: गांव की पढ़ी-लिखी बेटी बन सके ग्राम प्रधान इसलिए 5 लोग चुनाव से पीछे हटे, कायम की मिसाल

प्रधान पद के लिए चुनी गईं सरला गुर्जर (Pradhan Candidate Sarala Gurjar) जर्नलिज्म कर चुकी हैं और वह अब सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही हैं.

यूपी के आगरा में जैतूनपुर के बड़ा गांव में पांच उम्मीदवारों ने आगामी पंचायत चुनाव में अपनी उम्मीदवारी से नाम वापस ले लिया (5 Candidate Take Their Name Back From Panchayt Election) है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि ये उम्मीदवार प्रधान पद के लिए अपना कैंडिडेट पहले ही चुन चुके हैं. सभी गांववालों ने मिलकर फैसला लिया है कि एक पढ़ी लिखी बेटी को ही गांव का प्रधान बनाया जाएगा. गांववालों ने इसके लिए एक पंचायत भी आयोजित की थी जिसके बाद गांव के ही एक किसान की पोस्ट ग्रेजुएट बेटी को अगला प्रधान बनाने का फैसला (Educated Girl Will Be Next Pradhan) लिया गया.

गांव की रहने वाली पोस्ट ग्रेजुएट सरला गुर्जर (Sarala Gurjar) को निर्विरोध प्रधान बनाने के फैसले पर सहमति के बाद सभी पांचों उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पंचायत चुनाव से वापस ले ली. ये फैसला गांव के विकास को ध्यान में रखकर लिया गया है. प्रधान पद के लिए चुनी गईं सरला गुर्जर जर्नलिज्म कर चुकी हैं और वह अब सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही हैं. सरला खुद गांववालों के विकास के लिए उन्हें प्रेरित करती हैं. उन्होंने लोगों को बताया कि किस तरह से गांव और वहां रहने वाले लोगों की तरक्की हो सकती है.

गांव की तरक्की के लिए एजुकेटेड प्रधान

यही नहीं सरला गुर्जर महिलाओं को खुले में शौच से भी मुक्ति दिलाना चाहती हैं.गांव के जिन बुजुर्गों और विधवाओं को उनका हक पेंशन नहीं मिल पा रही है , सरला उनके हक के लिए भी काम करना चाहती हैं. जब सरला ने गांववालों के लिए की गई अपनी प्लानिंग का जिक्र किया तो प्रभावित होकर सभी ने सरला को ही अपना प्रधान चुनने का फैसला कर लिया.

गांव के दूसरे लोगों के साथ ही पंचायत चुनाव के पांच उम्मीदवार भी सरला को ही गांव का प्रधान बनाने पर सहमत हो गए और गांव के विकास के लिए बड़ा दिल दिखाते हुए उन्होंने अपनी दावेदारी ही वापस ले ली. गांव में रविवार को पंचायत चुनाव के लिए एक मीटिंग बुलाई गई थी. चार घंटे तक चली बैठक में पंचायच चुनाव के उम्मीदवारों समेत तमाम लोग शामिल हुए. पंचायत में ही सरला गुर्जर को प्रधान बनाए जाने को लेकर आम सहमति बन गई, जिसके बाद चुनाव के उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस लेने पर सहमति जाहिर की.

पांच दावेदारों ने वापस ली उम्मीदवारी

सरला गांव के ही एक किसान की बेटी हैं और गांव में काफी पढ़ी-लिखी भी हैं. उन्हें प्रधान बनाने के लिए उम्मीदवार प्रह्लाद सिंह, बल्ली गुर्जर, राजकुमार, सियाराम, गीता ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. सरला भी पंचायतचुनाव के लिए दावेदार हैं. उनके विकास की प्लानिंग को सुनकर सभी ने सरला को ही अगला प्रधान चुनने पर आम सहमति जाहिर की.

सरला गुर्जर का कहना है कि वह महिलाओं को खुले में शौच से मुक्त करना चाहती हैं, इसकेलिए काफी काम किए जाने की जरूरत है. वहीं सरकार की वो सभी योजनाएं जो गांव के हर घर तक नहीं पहुंच पा रही हैं उन्हें भी वह सब तक पहुंचाना चाहती है. जिससे लोगों को इसका फायदा मिल सके. सरला की प्लानिंग गांव में सभी को रोजगार दिलाने के साथ ही हक से वंचित लोगों को उनका हक दिलाने की है. गांव के लोग भी सरला के विकास की प्लानिंग से पूरी तरह से प्रभावित और सहमत हैं इसीलिए वह सरला को ही अपने गांव का अगला प्रधान बनाना चाहते हैं.

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