उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव की मतगणना को स्थगित करने की मांग, शिक्षक संघ ने निर्वाचन अधिकारी को लिखा

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव की 2 मई को होने वाली मतगणना को लेकर उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने निर्वाचन अधिकारी का रुख किया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव की 2 मई को होने वाली मतगणना को लेकर उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने निर्वाचन अधिकारी का रुख किया है। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आज आखिरी चरण है लेकिन 2 मई को होने वाली मतगणना से पहले उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने गुरुवार को निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर  पंचायत चुनाव की मतगणना को स्थगित करने की मांग की है।

उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ (यूपीएसएम) के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, संयोजक हेम सिंह पुंडीर पूर्व एमएलसी, विधान परिषद में नेता शिक्षक दल सुरेश कुमार त्रिपाठी एवं सदस्य विधान परिषद ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश से त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन की आगामी 2 मई को प्रस्तावित मतगणना को स्थगित किए जाने की मांग की है। यानी यूपी पंचायत चुनाव की 2 मई को होने वाली मतगणना को लेकर संशय की स्थिति बन सकती है।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डॉ. आर. पी. मिश्र ने बताया कि पत्र में निर्वाचन अधिकारी को उन परिस्थितियों से अवगत कराया गया है, जिन परिस्थितियों में मतदान संपन्न हुए हैं। मतदान में कोविड-19 का पालन न होने से हजारों शिक्षक और कर्मचारी संक्रमित हुए, यहां तक कि बाद में भारी संख्या में शिक्षकों एवं कर्मचारियों की मृत्यु भी हो गई। कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति में मतगणना कराया जाना उचित नहीं है।

यह परिस्थितियां शिक्षकों एवं कर्मचारियों को मतगणना के बहिष्कार के लिए बाध्य कर रही हैं इसलिए जब परिस्थितियां सामान्य हो जाए तब मतगणना कराया जाना चाहिए, जिससे कि शिक्षकों एवं कर्मचारियों के जीवन के साथ खिलवाड़ न हो सके।

o की सच्चाई

सुरक्षा का इंतजाम नहीं था तो शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी करने क्यों भेजा- प्रियंका गांधी

बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पंचायत चुनाव में शिक्षकों की मौत को लेकर योगी सरकार को घेरा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि ‘यूपी पंचायत चुनावों की ड्यूटी में लगे लगभग 500 शिक्षकों की मृत्यु की खबर दुखद और डरावनी है। चुनाव ड्यूटी करने वालों की सुरक्षा का प्रबंध लचर था तो उनको क्यों भेजा? सभी शिक्षकों के परिवारों को 50 लाख रु मुआवाजा व आश्रितों को नौकरी की माँग का मैं पुरजोर समर्थन करती हूँ।’

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