500 से ज्यादा स्कूलों को फर्जी तरह से मान्यता देने का बड़ा खुलासा, 8 जिलों के शिक्षा अधिकारियों को मिला नोटिस

सामान्य तौर पर स्कूल के निरीक्षण की फाइल डीईओ कार्यालय में जमा होती है. इस बार निदेशालय ने की तरफ से आवेदन करने वाले सभी स्कूलों की फाइल मंगा ली गई और जब जांच हुई तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ

राजस्थान में स्कूलों की मान्यता से संबंधित फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है. राज्य में इन दिनों कई शिक्षा अधिकारियों की मेहबानी की बदौलत राज्य में कई निजी स्कूल अपनी जमकर दुकान चला रहे हैं. प्रदेश में कुल ऐसे 500 स्कूलों का पता चला है जो निर्धारित मानक न हो पर भी धड़ल्ले से चल रहे हैं और अधिकारियों की तरफ से इन्हें मान्यता देने की भी पूरी तरह से तैयारी कर ली गई है.

मानक न पूरे होने पर भी मान्यता देने के लिए 8 जिलों के शिक्षा अधिकारियों को उनकी संदिग्ध भूमिका के चलते उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अधिकारियों की तरफ से जवाब आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों के अनुसार इन आठ जिलों में ज्यादा गड़बड़ी पाई गई है. यहां के बाद अब जल्द ही दूसरे जिलों में भी कार्रवाई की जाएगी.

सिफारिश से पहले स्कूल जाती है टीम

दरअसल किसी भी प्राइवेट स्कूल को मान्यता देने से पहले जिला शिक्षा अधिकारी स्कूल का निरीक्षण करता है और यह देखता है कि स्कूल निर्धारित नियमों और मापदंडों को पूरा करता है या नहीं. उसके बाद डीईओ स्कूल को मान्यता देने कि सिफारिश करती है कि. शिक्षा अधिकारी के इस अधिकार को लेकर ही आठ जिलों के शिक्षा अधिकारी संदिग्ध पाए गए हैं. कई ऐसे स्कूलों को मान्यता देने की सिफारिश की गई जहां न तो सही आकार में कमरे थे, न ही बच्चों के खेलने के लिए मैदान, न ही किसी प्रकार की लैब थी.

स्कूल को मान्यता देने के लिए शिक्षा अधिकारी को कमेटी की रिपोर्ट का अनुमोदन करना होता है लेकिन कहा जा रहा है कि इन अधिकारियों ने निर्धारित मानदंडों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया और स्कूलों को मान्यता देने की सिफारिश कर दी.

ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

बता दें कि सामान्य तौर पर स्कूल के निरीक्षण की फाइल डीईओ कार्यालय में जमा होती है और यहीं से शिक्षा अधिकारी फाइल का अनुमोदन करके मान्यता के लिए सिफारिश करता है जिसके बाद शिक्षा निदेशालय से बाद में मान्यता के आदेश जारी किए जाते हैं, लेकिन इस बार निदेशालय ने की तरफ से आवेदन करने वाले सभी स्कूलों की फाइल मंगा ली गई और जब जांच हुई तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. निदेशक को पता चला कि जिला शिक्षा अधिकारी मानक न पूरे होने वाले स्कूलों के लिए भी मान्यता की सिफारिश कर रहे हैं.

सबसे ज्यादा फर्जी स्कूल इस जिले में

राज्य मे लगभग 500 ऐसे स्कूल मिले हैं जिनकी फर्जी तरह से मान्यता देने की सिफारिश की गई थी. इनमे से सबसे अधिक जयपुर के 161 स्कूल. जयपुर से निदेशालय को 328 स्कूलों की लिस्ट पहुंची थी लेकिन इनमें से 161 ऐसे स्कूल थे जो मापदंडों में पूरी तरह से पीछे थे. बीकानेर से 55 स्कूलों को मान्यता देने का अनुमोदन किया गया था लेकिन 33 स्कूल जरूरी मापदंडों से बाहर पाए गए.

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