पूर्व तहसीलदार और 19 लेखपालों पर एफआईआर:कानपुर तहसीलदार सदर ने 10 सस्पेंड लेखपालों को ट्रांसफर से पहले कर दिया था बहाल, डीएम के आदेश पर मुकदमा दर्ज

शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना घोटाला में आरोपी 19 लेखपालों के खिलाफ सोमवार देर रात कानपुर कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई। डीएम आलोक तिवारी के आदेश पर दर्ज एफआईआर में पूर्व तहसीलदार सदर (अब उन्नाव में तैनात) अतुल कुमार का नाम भी शामिल है। इन पर आरोप है कि ट्रांसफर से पहले इन्होंने 19 सस्पेंड लेखपालों में 10 को नियम विरूद्ध बहाल कर दिया था।

बिना जांच बहाल कर दिया
एसडीएम सदर दीपक पाल ने बताया कि सस्पेंड 19 लेखपालों में से 10 को बिना जांच बहाल करने के आरोप में फंसे तत्कालीन सदर तहसीलदार अतुल कुमार ने यहां से रिलीव होने से पहले 10 लेखपालों को बहाल कर दिया। 8 जुलाई को लेखपाल सस्पेंड किए गए थे और करीब 25 जुलाई को पूर्व एसडीएम सदर ने ट्रांसफर से पहले 10 को बहाल कर दिया था।

विधायकों ने उठाया मामला

31 जुलाई को जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में इस प्रकरण को गोविंदनगर से भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी और एमएलसी सलिल विश्नोई ने उठाया तो डीएम आलोक तिवारी ने इसका संज्ञान लिया। मामले में जांच कराई तो पता चला कि तत्कालीन तहसीलदार ने निलंबित लेखपालों की रिपोर्ट पर बहाल कर दिया, जबकि उन्हें डॉक्यूमेंट के सत्यापन के लिए खुद मौके पर जाना चाहिए था। इस तरह से तत्कालीन तहसीलदार और लेखपाल मिलीभगत के आरोपी पाए गए। इस पर डीएम के आदेश पर सदर तहसीलदार ने इनके खिलाफ देर रात कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई।

इनके खिलाफ हुई एफआईआर
तत्कालीन सदर तहसीलदार अतुल कुमार समेत लेखपाल आलोक कुमार, स्नेह हंस शुक्ला, गुलाब सिंह, प्रीति दीक्षित, नीतू त्रिपाठी, अजय कुशवाहा, सुजीत कुशवाहा, पीयूष सिंह, हर नारायण दुबे, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, रामखिलावन भारती, अरविंद तिवारी, दिलीप सचान, सुशील कुमार, आशीष यादव, हरिशंकर विश्वकर्मा, अश्वनी कुमार, देवेंद्र बाजपेई और धर्मपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

ये है पूरा मामला
शादी अनुदान योजना और पारिवारिक लाभ योजना में 1800 से अधिक ऐसे लोगों को पात्र बनाया गया, जिनका पता ही फर्जी था। मामले का खुलासा होने के बाद कमेटी ने 51 अफसरों को घर-घर सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई थी। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद पता चला कि 1800 से अधिक ऐसे लोग हैं, जो पात्र ही नहीं हैं। कई ऐसे भी थे जिनकी बेटियां भी नहीं हैं। फैक्ट्री और दुकान के पते पर लोगों का मकान दिखाकर उन्हें योजना का लाभ दिया गया। 1106 लोगों ने पारिवारिक लाभ योजना और 702 लोगों ने शादी अनुदान योजना में गलत पते दिखाकर लाभ लिया।

योजनाओं का ये है लाभ
-20 हजार रुपए गरीबों की बेटियों की शादी के लिए सरकार देती है।
-30 हजार रुपए पारिवारिक लाभ योजना के तहत मृतक के आश्रित को मिलते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *