हिस्ट्रीशीटर अरविंद त्रिपाठी बना भाजयुमो का प्रदेश मंत्री
बवाल मचा तो पार्टी ने जवाब मांगा, त्रिपाठी बोले- मेरे खिलाफ 16 में 15 मामले बसपा सरकार में दर्ज हुए
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) में अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू को प्रदेश मंत्री बनाए जाने पर मचे बवाल के बाद पार्टी ने उन्हें लखनऊ तलब कर जवाब मांगा है। अरविंद उर्फ छोटू आदतन बदमाश है और उस पर कोतवाली, कल्यानपुर और काकादेव थाने में दर्जनों मुक़दमे दर्ज है। काकादेव थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है।
अरविंद पुलिस पर हमला करके वर्दी तक फाड़ चुका है। फिर भी पार्टी ने छोटू त्रिपाठी को बड़े पद पर आसीन किया है। वही शिववीर सिंह चौहान पिछले दिनों गेस्ट हाउस कांड में पुलिस की गिरफ्त से अपराधी को छुड़ाने के मामले में पार्टी की किरकिरी करा चुके है। इसका एक वीडियो भी सामने आया था।
बड़ा बदमाश है, अरविंद उर्फ छोटू त्रिपाठी
पार्टी के भीतर इस निर्णय से आक्रोश बढ़ता नज़र आ रहा है। काकादेव थाने के रिकॉर्ड में अरविंद हिस्ट्रीशीटर है। उस पर एक छात्र नेता की हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। हत्या के एक केस में सजा भी मिल चुकी है। उस पर हत्या के प्रयास के दो केस हैं। पहला केस 2002 में दर्ज हुआ था। 2009 में उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। चार बार पुलिस ने अरविंद पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की। इसके अलावा रंगदारी, मारपीट के भी केस दर्ज हैं। एक मामले में हत्या का आरोप साबित भी हो चुका है।
पुलिसकर्मियों से मारपीट करने में वांछित है अरविंद
- काकादेव थाने में चैकिंग के दौरान शराब के नशे में धुत आरोपियों ने पुलिस से अभद्रता कर मारपीट की थी और वर्दी फाड़ दी थी।
- भाजयुमो में प्रदेश मंत्री बनाया गया अरविंद उर्फ छोटू ने सन 2002 में कल्याणपुर में वाहन स्टैंड संचालक ओपी सिंह की गोली मारकर हत्या की थी।
- 14 सितंबर 2008 को चकेरी थाना क्षेत्र निवासी रणवीर सिंह गिल के पुत्र सनी गिल की चकेरी में छात्र सम्मेलन के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सनी के पिता ने भाजपा नेता अरविंद राज त्रिपाठी, आशीष साहू और बंटी सेंगर और एक अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था। हालांकि अरविंद का दावा है कि इन मामलों में वह कोर्ट से बरी हो चुका है।
दागी भाजपा नेता से है पुराना याराना
अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू का भाजपा नेता संदीप ठाकुर से पुराना याराना है। संदीप ठाकुर ने भी भाजयुमो में क्षेत्रीय उपाध्यक्ष होने के दौरान सत्ता के दम पर बर्रा थाने से अपनी हिस्ट्रीशीट खत्म करा ली थी। संदीप और छोटू छात्रसंघ के समय के दोस्त हैं। दोनों ने एक साथ अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद राजनीति में भी एक साथ आए थे। संदीप का कच्चा चिट्ठा सामने आने के बाद उसका पद खत्म कर दिया गया। अब अरविंद का आपराधिक कच्चा चिट्ठा सामने आया है।
भाजयुमो अध्यक्ष बोले- स्पष्टीकरण मांगा है
सोमवार को भाजयुमो ने प्रदेश पदाधिकारियों की लिस्ट जारी की थी। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी का कहना है कि पूरा मामला उनके संज्ञान में है। अरविंद त्रिपाठी को लखनऊ तलब कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
त्रिपाठी बोला- 2010 से नया केस दर्ज नहीं हुआ
इस पूरे मामले में आरोपों के घेरे में आए प्रदेश मंत्री का कहना है कि उन पर 16 मुक़दमे राजनीतिक कारणों से बसपा शासन में दर्ज किए गए थे। इनमें 15 मामलों में वह बरी हो चुके हैं। वर्तमान में छात्र राजनीति में फीस वृद्धि का एक मुकदमा उन पर चल रहा है। 2010 से उन पर कोई भी नया केस दर्ज नही किया गया है। हत्या के मामले सहित सभी मे वो बरी हो चुके हैं। उनको राजनीति विरोधियों द्वारा बदनाम किया जा रहा है।