प्रॉपर्टी खरीदारों को धोखा दिया तो होगी कार्रवाई:कॉलोनाइजर ने यदि सड़क और पार्क की जमीन बेची तो होगी 3 से 7 साल की सजा; MP में कॉलोनी डेवलपमेंट के नए नियम तैयार
प्रदेश में कॉलोनी डेवलपमेंट के नए नियम लागू होने जा रहे हैं। इसका ड्राफ्ट बन चुका है, जिसे नगरीय आवास एवं विकास विभाग जल्द लागू करेगा। इसमें प्रावधान है कि कॉलोनाइजर ने यदि सड़क और पार्क जैसी सार्वजनिक उपयोग की जमीन बेचकर वहां मकान या प्लॉट डेवलप किए तो उसे तीन साल से सात साल तक की सजा होगी।
अब तक सजा का प्रावधान केवल अवैध कॉलोनी के मामले में ही था। नए नियमों में अवैध कॉलोनाइजरों पर भी अंकुश बढ़ाया गया है। अवैध कॉलोनी के नियमितिकरण की कार्रवाई शुरू करने से पहले संबंधित कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी। यदि उक्त कॉलोनाइजर फरार हो गया तो उसकी चल-अचल संपत्ति बेचकर विकास कार्य कराए जाएंगे। विभाग ने नए नियमों पर 15 दिन में सुझाव मांगे हैं। सुझावों पर विचार के बाद ड्राफ्ट लागू कर दिया जाएगा।
रेरा के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी
कॉलोनी डेवलपमेंट के लिए बंधक रखे प्लॉट के लिए अब रेरा के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। 50% डेवलपमेंट पर अब 33 की बजाय 50% बंधक प्लॉट छोड़े जाएंगे। फिर 75% और उसके बाद 100% डेवलपमेंट पर सारे बंधक प्लॉट छोड़ दिए जाएंगे।
कॉलोनी हैंडओवर किए बना सर्टिफिकेट
कॉलोनी के कंपलिशन सर्टिफिकेट के लिए अब कॉलोनी नगर निगम को हैंडओवर करना जरूरी नहीं होगा। डेवलपमेंट पूरा होने पर रेसीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को कॉलोनी का रखरखाव सौंपकर कॉलोनाइजर कंपलिशन सर्टिफिकेट ले सकेगा।
2016 तक की अवैध कॉलोनियां वैध होंगी
नए नियमों में अवैध काॅलोनियों को नियमित करने के लिए कट ऑफ डेट तय की गई है। अब 31 दिसंबर 2016 के बाद डेवलप अवैध कालोनियों को नियमित नहीं किया जाएगा। इस तारीख के बाद डेवलप काॅलोनियों के खिलाफ निगम कार्रवाई करेंगे।
ऑनलाइन होगा रजिस्ट्रेशन कलेक्टर गाइडलाइन की 0.75% होगी रजिस्ट्रेशन फीस, 2% होगा शेल्टर टैक्स
नए नियमों के मुताबिक अब तक कॉलोनाइजरों को हर नगरीय निकाय में अलग-अलग रजिस्ट्रेशन कराना होता था, लेकिन विभाग रजिस्ट्रेशन करेगा, जो पूरे प्रदेश में मान्य होगा। यह ऑनलाइन होगा ताकि आम आदमी यह देख सके कि प्रदेश में कितने कॉलोनाइजर रजिस्टर्ड हैं। रजिस्ट्रेशन शुल्क को भी कलेक्टर गाइडलाइन से जोड़ दिया गया है। यह कलेक्टर गाइडलाइन का 0.75% होगा। शेल्टर टैक्स को भी कलेक्टर गाइडलाइन से जोड़ दिया गया है, जो कि गाइडलाइन का 2% होगा।
दो साल और बढ़ाए…दो हेक्टेयर से बड़ी कॉलोनी को अब 5 साल में पूरा कर सकेंगे
दो हेक्टेयर से बड़ी कॉलोनी के डेवलपमेंट के लिए एक साथ अनुमति लेने की बजाय तीन फेज में अनुमति ले सकेंगे। अभी अनुमति लेने के तीन साल के भीतर डेवलपमेंट पूरा करना होता है। अब इसे बढ़ाकर पांच वर्ष किया जा रहा है। पहले यह परमिशन एक-एक साल करके दो बार बढ़ाई जा सकती थी। अब केवल एक साल के लिए एक बार बढ़ाई जा सकेगी।
कॉलोनाइजरों को एक बार ही कराना होगा रजिस्ट्रेशन, जो पूरे प्रदेश में मान्य होगा
- 23 साल बाद कॉलोनियों को लेकर नियम बन रहे हैं
- 1998 के नियम ही प्रदेश में अब तक लागू हैं
- तब से अब तक काॅलोनी डेवलपमेंट काफी बदल चुका है।