रेल हादसा: कानपुर के पास पटरी से उतरी पूर्वा एक्सप्रेस, राहत और बचाव कार्य जारी
दिल्ली-हावड़ा रूट पर रूमा स्टेशन के पास शुक्रवार देर रात करीब 12.50 बजे हावड़ा से दिल्ली जा रही पूर्व एक्सप्रेस एक्सप्रेस बेपटरी हो गई। हादसा इतना भीषण था कि ट्रेन के पेंट्रीकार समेत 10 कोच बेपटरी हो गए। इनमें 5 कोच रेलवे ट्रैक से 20 से 25 फिट दूर तक जा गिरे। इतना ही नहीं कई मीटर तक रेल पटरी उखड़ गई और बड़ा गड्ढा हो गया।इस भीषण हादसे में 100 लोग घायल बताए जा रहे हैं, लेकिन एचएचबी कोच होने की वजह से बड़ी अनहोनी बच गई। यही कारण है कि हादसे में किसी के मरने की सूचना नहीं है। हादसे के बाद करीब एक दर्जन ट्रेनोॆं के रूट परिवर्तित कर दिए गए हैं। उधर, हादसे के कारण कानपुर से दिल्ली हावड़ा रूट की फतेहपुर पैसेंजर समेत 10 ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया है।
हादसे को लेकर रेलवे में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही करीब 4 बजे के आसपास प्रयागराज से डीआरएम अमिताभ कुमार घटना स्थल पर पहुंच गए हैं। उनके साथ मौके पर पहुंचे जांच दल ने बताया कि हादसे के दौरान किसी भी कोच की लाइट नहीं बंद हुई इस वजह से कोई भगदड़ नहीं मच पाई। यही कारण था कि हादसा बड़ा होने के बावजूद कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई
हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे कानपुर के डीएम विश्वास पंत ने बताया कि राहत बचाव कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि अब तक जनहानि की कोई खबर नहीं है। यात्रियों को कानपुर सेंट्रल भेजने के लिए बसों का इंतजाम किया गया है। मालूमी रूप से घायल यात्रियों को उपचार के बाद कानपुर सेंट्रल के लिए रवाना कर दिया गया है। जहां प्लेफार्म नंबर एक से उन्हें विशेष ट्रेन से नई दिल्ली भेजा जा रहा है।
डाउन ट्रैक
12562 (स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस) को फैजाबाद से डायवर्ट कर लखनऊ के रास्ते कानपुर भेजा गया।
20840 (नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस) को भी लखनऊ के रास्ते दिल्ली के लिए रवाना किया गया।
12260- (दूरंतो एक्सप्रेस) को भी लखनऊ के रास्ते कानपुर से बनारस के लिए रवाना किया गया।
12368 (विक्रम शिला एक्सप्रेस) – को भी लखनऊ के रास्ते कानपुर से बनारस भेजा गया।
दुर्घटनाग्रस्त पूर्वा एक्सप्रेस के ड्राइवर फूल सिंह ने बता कि ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटे है और हादसे के समय ट्रेन लगभग 127 की स्पीड से दौड़ रही थी। हादसे के समय कुछ जर्क तो लगा लेकिन हादसे का अंदाजा नहीं था। गार्ड ने वाकीटाकी से सूचित कि ट्रेन डिरेल हो गई है तब इमरजेंसी ब्रेक लगाई गई। इसके बाद साथी पायलट के साथ नीचे उतरकर देखा तो भयावह मंजर देख रूह कांप गई। भगवान का शुक्र है कि कोई जनहानि नहीं हुई है।
ट्रेन हादसे में कोई जनहानि नहीं
देर रात तक 25 घायल पहुंच चुके अस्पताल
देर रात तक बचाव का कार्य चलता रहा। कोच में सीढी लगाकर बचाव दल घुसा और तलाश करते रहे कि कोई यात्री तो डिब्बे में नहीं फंसा तो है। इसके बाद यात्रियों का सामान निकालकर उनके सुपुर्द किया। इधर, करीब 25 से अधिक घायलों को कांशीराम और हैलट में भर्ती कराया गया। भोर तक घायलों को हैलट लाने का सिलसिला एंबुलेंस से चलता रहा। राहत कार्य में जुटे रेल अफसरों और इंजीनियरों ने दावा किया कि एलबीएच कोच होने के चलते बड़ा हादसा टल गया। अगर साधारण कोच होता तो इस तरह के हादसे में बड़ी जनहानि होती।
12 ट्रेनों के रूट बदले गए
डाउन ट्रैक
20840 (नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस) को भी लखनऊ के रास्ते दिल्ली के लिए रवाना किया गया।
12260- (दूरंतो एक्सप्रेस) को भी लखनऊ के रास्ते कानपुर से बनारस के लिए रवाना किया गया।
12368 (विक्रम शिला एक्सप्रेस) – को भी लखनऊ के रास्ते कानपुर से बनारस भेजा गया।