गोरखपुर में फिर दागदार हुई खाकी …..महिला संविदाकर्मी की मौत के मामले में दरोगा राजेन्द्र सिंह पर केस दर्ज, आत्महत्या के लिए उकसाने का दर्ज हुआ केस

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला अस्पताल की संविदाकर्मी शहाना उर्फ सुहानी की संदिग्ध हाल में मौत के मामले में करीब 60 घंटे की माथापच्ची के बाद कोतवाली पुलिस ने एलआईयू में तैनात दरोगा राजेन्द्र सिंह पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में केस दर्ज किया है। आरोपित दारोगा कोतवाली पुलिस की हिरासत में है।

हालांकि परिवारीजनों का कहना है कि उन्होंने हत्या और दुष्कर्म की तहरीर दी है। जबकि कोतवाल ने कहा कि शहाना की मां की तहरीर के आधार पर धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत केस दर्ज किया गया है।

15 अक्टूबर को फंदे से लटकती मिली थी लाश
बेलीपार के भीटी गांव निवासी शहाना निशा कोतवाली इलाके में बक्शीपुर में किराए पर कमरा लेकर रहती थी। वह जिला अस्पताल में संविदाकर्मी थी। 15 अक्टूबर की सुबह किराये के कमरे में फंदे से लटकता उसका शव मिला था। शव घुटनों के बल मुड़ा हुआ था। शहाना निशा का 10 महीने का बेटा अपनी मां का शव पकड़कर रो रहा था।

बच्चे की आवाज सुनकर मकान मालिक को जानकारी हुई और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। शहाना निशा जिला अस्पताल में सविंदाकर्मी थी और सात महीने से उसका वेतन नहीं मिला था लिहाजा आर्थिक तंगी से खुदकुशी का मामला बताकर अन्य कर्मचारियों ने जिला अस्पताल पर प्रदर्शन करना शुरू किया था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आई थी हैंगिंग
पुलिस ने जब शव का पोस्टमार्टम कराया तो पीएम रिपोर्ट में मौत की वजह भी हैंगिंग आई थी। उसके बाद से खुदकुशी की तरफ पूरी घटना मुड़ने लगी थी। पर सहाना की मां-बहन और भाई इसे हत्या बता रहे थे। उनका कहना था कि शहाना निशा की हत्या कर खुदकुशी का रूप दिया गया है। वे इसके लिए गोरखपुर एलआईयू में तैनात बलिया जिले के रहने वाले दरोगा राजेन्द्र सिंह पर आरोप लगा रहे हैं। कोतवाली पुलिस ने राजेन्द्र सिंह को 15 अक्टूबर को ही हिरासत में लिया था हालांकि केस दर्ज करने को लेकर कोतवाली पुलिस और अफसरों के बीच 60 घंटे तक माथा-पच्ची चलती रही। दो दिन तक तो तहरीर न मिलने का पुलिसवालों ने हवाला दिया।

मां-बहन और भाई को पूरे दिन समझाती रही पुलिस
रविवार को पूरे दिन शहाना की मां-बहन और भाई और रिश्तेदारों को कोतवाली थाने में पुलिस अफसरों के साथ ही एलआईयू के अफसर समझाते रहे। तहरीर लिखी जाती रही और फाड़ी जाती रही। हालांकि रविवार की देर शाम कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज होने की जानकारी दी। कोतवाल कल्याण सिंह सागर ने बताया कि शहाना की मां की तहरीर पर आईपीसी की धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ शहाना की मां-बहन और भाई ने किसी तरह की तहरीर देने से इंकार किया है। उनका कहना था कि उन्होंने हत्या और दुष्कर्म का केस दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी पर पुलिस अपनी मन माफिक तहरीर चाहती थी, लिहाजा उन लोगों ने तहरीर नहीं दी है। भाई ने बताया कि उसने एसएसपी से बात की है सोमवार को उनसे मिलने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।

नगर निगम चौकी इंचार्ज रहते शहाना के करीब आए थे दरोगा
दरोगा राजेन्द्र सिंह कोतवाली थाने के नगर निगम चौकी पर तैनात रहे हैं। इस चौकी क्षेत्र के जिला अस्पताल का इलाका भी आता है। उसी तैनाती के दौरान उनका सम्पर्क सहाना से हुआ था। दरोगा ने ही सहाना को सुहानी बनाकर बक्शीपुर में किराये के मकान में रखवाया था। नगर निगम से राजेन्द्र सिंह का कैंट थाने के पैडलेगंज चौकी पर तबादला हुआ था।

बाद में गैर जनपद तबादला हो गया था पर गोरखपुर लौटने के लिए उन्होंने एलआईयू में अपनी पोस्टिंग करा ली थी। राजेन्द्र सिंह शादीशुदा हैं और उनके बच्चे भी सहाना की उम्र के हैं। सहाना जिस कमरे में रहती थी वहां एक बाइक और पैंट शर्ट भी मिले थे। बताया जा रहा है कि बाइक और कपड़े दरोगा के ही थे हालांकि अब बाइक कहां है यह नहीं पता।

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