UP Assembly Election 2022: हस्तिनापुर विधानसभा पर भाजपा की कब्जा, इस सीट पर जिस पार्टी का विधायक सूबे में उसी की सरकार

हस्तिनापुर विधानसभा सीट पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है. यहां से 2017 दिनेश खटीक ने जीत दर्ज की थी.

मेरठ जिले की हस्तिनापुर विधानसभा (Hastinapur Assembly seat) एक सुरक्षित सीट है. यहां से भाजपा के दिनेश खटीक मौजूदा विधायक हैं. हस्तिनापुर विधानसभा बिजनौर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. पिछले पांच दशक से यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र गंगा किनारे बसा हुई है, जिस कारण हर साल बाढ़ की चपेट में आ जाता है. उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. वहीं बसपा भी इस सीट पर अगर पूरी  मजबूती के साथ लड़ी तो यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है.

सीट का इतिहास

हस्तिनापुर विधानसभा सीट (Hastinapur Assembly seat) के बारे में कहा जाता है कि जिस पार्टी का विधायक यहां से जीतता है, सरकार उसी की बनती है. 1957 से 1967 तक यहां से कांग्रेस विधायक की जीत हुई थी और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी. 2007 के चुनाव में इस सीट से बसपा के योगेश वर्मा चुनाव लड़े थे और प्रदेश में मायावती मुख्यमंत्री बनी थीं. मई 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी के प्रभु दयाल विधायक बने थे और प्रदेश में सपा की सरकार बनी थी, जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा के दिनेश खटीक विधायक चुने गए और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भाजपा सरकार बनी.

2017 विधानसभा चुनाव के पहले इस (Hastinapur Assembly seat) सीट पर मुख्य लड़ाई सपा और बसपा के बीच हुआ करती थी. इस सीट को दो बार समाजवादी पार्टी ने जबकि एक बार बसपा ने जीता है. 2002 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर सपा के प्रभु दयाल चुनाव जीतकर विधायक बने थे. उन्होंने भाजपा की गीता प्रकाश को चुनाव हराया था.

2007 के विधानसभा चुनाव में इस (Hastinapur Assembly seat) सीट से बसपा के योगेश वर्मा चुनाव जीतकर विधायक बने थे. उन्होंने कांग्रेस के गोपाल काली को चुराया था. 2002 के विधानसभा चुनाव में योगेश वर्मा चौथे नंबर पर थे.

मायावती ने विधायक रहते योगेश वर्मा के किया था निष्कासित

2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने योगेश वर्मा को मायावती ने विधायक रहते हुए पार्टी से बाहर कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने 2012 का विधानसभा चुनाव पीस पार्टी के टिकट पर लड़ा था और दूसरे नंबर पर थे.

2012 विधानसभा चुनाव के आंकड़े

2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रभु वाल्मीकि दूसरी बार इस (Hastinapur Assembly seat) सीट से विधायक चुने गए थे. उन्होंने पीस पार्टी के योगेश वर्मा को चुनाव हराया था. इस चुनाव में सपा प्रत्याशी प्रभु वाल्मीकि को 46742 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे पीस पार्टी के योगेश वर्मा को 40101 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के गोपाल काली थे, जिन्हें 39009 वोट मिले थे. चौथे नंबर पर बसपा के प्रशांत कुमार गौतम थे, जिन्हें 30692 वोट मिले थे, जबकि पांचवें नंबर पर भाजपा के बृजेंद्र लोहार थे, जिन्हें 23514 वोट मिले थे.

2012 विधानसभा चुनाव में पार्टियों का वोट शेयर

2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का वोट शेयर इस सीट पर 25.1 31 प्रतिशत था. दूसरे नंबर पर रही पीस पार्टी का वोट शेयर 21.72 प्रतिशत, तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस का वोट शेयर 21.13 प्रतिशत, चौथे नंबर पर रही बसपा का वोट शेयर 16.62 प्रतिशत, पांचवें नंबर पर रही भाजपा का वोट शेयर 12.74 प्रतिशत था.

2017 विधानसभा चुनाव के आंकड़े

इस (Hastinapur Assembly seat) सीट पर कमजोर मानी जाने वाली भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में जबरदस्त वापसी करते हुए इस सीट को अपने पाले में किया. यहां से भाजपा के दिनेश खटीक चुनाव जीतकर विधायक बने. उन्होंने बसपा के योगेश वर्मा को चुनाव हराया था. इस चुनाव में भाजपा के दिनेश खटीक को 99436 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे बसपा के योगेश वर्मा को 63374 वोट मिले थे. वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रभु दयाल जो की इस सीट पर सिटिंग विधायक थे, उन्हें 48979 वोट मिले थे और वह तीसरे नंबर पर रहे थे. वहीं चौथे नंबर पर रालोद की कुसुम थीं, उन्हें 6538 वोट मिले थे.

2017 विधानसभा चुनाव में पार्टियों का वोट शेयर

2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इस (Hastinapur Assembly seat) सीट पर भाजपा का वोट शेयर 44.92 प्रतिशत था, जबकि दूसरे नंबर पर रही बसपा का वोट शेयर 28.63 प्रतिशत था. वहीं तीसरे नंबर पर सपा थी, जिसका वोट प्रतिशत 22.13 प्रतिशत था, जबकि रालोद का वोट शेयर 2.96प्रतिशत था. 2017 के आंकड़ों के मुताबिक हस्तिनापुर विधानसभा सीट पर कुल 467897 मतदाता थे. देखना दिलचस्प होगा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक दिनेश खटीक इस सीट को बचा पाते हैं. या यह सीट सपा या बसपा के खाते में जाती है.

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