कानपुर के हैलट में 24 बेड पर 100 बच्चे एडमिट ……फायर सेफ्टी के नाम पर 12 अग्निशमन यंत्र, बाल्टियों में रेत की जगह भरा कूड़ा
कानपुर में हैलट के बाल रोग विभाग के सिक एंड न्यू बार्न केयर यूनिट की क्षमता 24 बेड की है। लेकिन, मौजूदा समय में यहां 100 से ज्यादा बच्चे एडमिट है। शनिवार शाम को मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। जिसमें यहां आग से निपटने के लिए सिर्फ 12 अग्निशमन यंत्र लगे हैं। इसे भी यहां तैनात मेडिकल स्टाफ चला नहीं पाया। अगर बाल रोग विभाग में कोई बड़ा हादसा हो जाए तो स्थिति भयावह हो सकती है।
देश के अन्य शहरों से भी सीख नहीं ले रहा है हैलट
अभी हाल ही में भोपाल के हमीदिया अस्पताल के एसएनसीयू में शार्ट सर्किट से आग लगने से 4 बच्चों की जलने से मौत हो गई थी। इस हादसे से भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन कोई सीख नहीं ले रहा है। भोपाल के अस्पताल में जब यह हादसा हुआ। तब वहां 40 से ज्यादा बच्चे भर्ती थे। वहां आग लगने के हादसे के बाद बाल रोग के एसएनसीयू हकीकत पता करने पर सामने आया कि यहां क्षमता से चार गुना बच्चे हैं। ऊपर से एनआइसीयू के बाहर भी 24 घंटे भीड़ रहती है। यहां फायर सेफ्टी सिस्टम भी नहीं हैं और न हाईडेंट हैं।
बाल रोग विभाग में टंगी है खाली बाल्टियां
अस्पतालों और दफ्तरों में आग बुझाने के लिए बाल्टियों में रेत भर कर रखी जाती है। मगर, बाल रोग विभाग के अंदर घुसते ही गैलरी में आग बुझाने के लिए टंगी बाल्टियों कूड़ा भरा है। गैलरी में ही बिजली के तार और पैनल लगे हैं। इसी विभाग में 4 साल पहले शार्ट सर्किट से आग लग चुकी है।