ग्वालियर …. शादियों का सीजन शुरू:न मैरिज गार्डन में दो द्वार बने और न अग्नि सुरक्षा के इंतजाम, निगम भी पंजीयन का काम शुरू नहीं कर सका इसलिए 300 मैरिज

शादियों का सीजन शुरू हो गया है, लेकिन नगर निगम मैरिज गार्डनों का पंजीयन नहीं कर रहा है। जबकि संभागायुक्त एवं प्रशासक आशीष सक्सेना संकल्प पास कर चुके हैं। पंजीयन न होने से गार्डन में शासन की गाइडलाइन का पालन नहीं हो पा रहा है। इनमें दो प्रवेश द्वार ( एंट्री और एक्जिट) नहीं है। फायर सिस्टम भी नियमानुसार उपलब्ध नहीं है।

निगम के राजस्व से जुड़े जानकार कहते हैं कि यदि पंजीयन शुरू हो जाता, तो शहर में 300 मैरिज गार्डन से निगम को राशि मिलती। शासन ने साल की शुरूआत में नई गाइड लाइन तय की थी, लेकिन उस वक्त कोरोना के संक्रमण के कारण मामला ठंडा हो गया। मामले में निगमायुक्त किशोर कन्याल ने कहा, मैरिज गार्डन के पंजीयन के संबंध में शासन की जो गाइडलाइन है। उसका पालन कराया जाएगा। पंजीयन जल्दी शुरू करेंगे।

शहर के किस गार्डन और होटल में क्या है स्थिति

  • थीम रोड से चेतकपुरी मार्ग- यहां पर 8 मैरिज गार्डन हैं। इनमें कहीं भी निर्गम का द्वार नहीं है।
  • एजी पुल- यहां पर दो मैरिज गार्डन हैं। एक ही प्रवेश द्वार नजर आता है।
  • झांसी रोड- यहां के मैरिज गार्डन और होटल में ही प्रवेश द्वार है।
  • नई सड़क- यहां यादव टॉकीज के बगल में बनी धर्मशाला में वाहन खड़ा करने तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
  • मोती तबेला मार्ग- यहां के मैरिज गार्डन में एक ही प्रवेश द्वार है।
  • सचिन तेंदुलकर मार्ग- यहां भी मैरिज गार्डन बने हुए हैं। इनमें भी एक ही प्रवेश द्वार बने हुए हैं।

नोट- शहर में ऐसे अधिकांश मैरिज गार्डन में एक ही प्रवेश द्वार दिखाई देता है।

आतिशबाजी सड़क पर, वाहनों के लिए मुसीबत

गाइडलाइन के अनुसार आतिशबाजी के लिए अलग से स्थान तय करना है, लेकिन पंजीयन नहीं होने पर सड़क पर ही आतिशबाजी चलती है। इससे कई बार वाहन व राहगीरों को नुकसान पहुंचता है। वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है। ये मैरिज गार्डन में नजर नहीं आती है।

ये करना है मैरिज गार्डन संचालकों को

  • प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए 12 मीटर चौड़ी सड़क होना चाहिए। इससे ट्रैफिक में बाधा नहीं होगी।
  • मेहमानाें की सुरक्षा के लिए गार्डन के चारों तरफ सुरक्षा दीवार होना चाहिए।
  • अग्नि सुरक्षा के लिए फायर उपकरण हाेना चाहिए।

पंजीयन होने पर मिलती निगम को राशि

  • 500 से 1000 वर्ग मीटर: 4 हजार रुपए और वार्षिक शुल्क 3 हजार रुपए लिया जाएगा।
  • 1000 से 1500 वर्ग मीटर: पांच हजार पंजीयन शुल्क लिया जाएगा। हर साल 3500 रुपए शुल्क देना होगा।
  • 1501 से 2500 वर्ग मीटर : 7500 पंजीयन राशि और सात हजार रुपए वार्षिक शुल्क लिया जाएगा।
  • 2501 से 5000 वर्ग मीटर: 10 हजार रुपए पंजीयन और 9 हजार रुपए वार्षिक शुल्क रहेगा।
  • 5000 हजार से ऊपर: 12500 रुपए पंजीयन शुल्क और 15 हजार रुपए वार्षिक किराया देना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *