नियमों के मुताबिक माफी मांगने पर वापस लिया जा सकता है 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन का फैसला- सरकारी सूत्र
सूत्रों ने बताया कि जिन राज्यसभा सांसदों (Rajya Sabha MPs) के खिलाफ कार्रवाई की गई है. अगर वे नियमों के मुताबिक माफी मांग लेते हैं, तो भविष्य के संबंध में इसपर विचार-विमर्श किया जा सकता है.
विपक्षी दलों के 12 राज्यसभा सांसदों को संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) से निलंबित करने के फैसले पर दोबारा विचार किया जा सकता है. सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि जिन राज्यसभा सांसदों (Rajya Sabha MPs) के खिलाफ कार्रवाई की गई है. अगर वे नियमों के मुताबिक माफी मांग लेते हैं, तो भविष्य के संबंध में इसपर विचार-विमर्श किया जा सकता है.
सरकारी सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि राज्यसभा (Rajya Sabha) के निलंबित सांसद माफी मांगने के लिए मंगलवार को यानी कल सदन के सभापति एम. वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) से मिल सकते हैं. राज्यसभा के 254वें सत्र (मानसून सत्र 2021) के दौरान कुछ सदस्यों ने सदन में घृणित और असंसदीय आचरण का प्रदर्शन किया था. इतना ही नहीं, निलंबित सांसदों ने सदन के वेल में घुसकर कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करने की भी कोशिश की थी.
राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर किया था हंगामा
संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन यानी 11 अगस्त को उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था. विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि उन पर उन मार्शलों ने हमला किया जो संसद की सुरक्षा का हिस्सा भी नहीं थे. हंगामे पर सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक पुरुष मार्शल को सीपीएम सांसद एलमारन करीम ने जबकि राज्यसभा की एक महिला मार्शल पर छाया वर्मा और कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम ने हमला किया था.
राज्यसभा (Rajya Sabha) ने अपने शीतकालीन सत्र (Winter Session) के पहले दिन यानी आज सांसदों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) और तृणमूल सांसद डोला सेन (Dola Sen) सहित अपने 12 सदस्यों को मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया. इनके खिलाफ मानसून सत्र में (11 अगस्त को) अनुशासनहीनता फैलाने के आरोप में कार्रवाई की गई है.
मालूम हो कि प्रियंका चतुर्वेदी और डोना सेन के अलावा सोमवार को निलंबित किए गए सांसदों में एलमारन करीम (सीपीएम), कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, CPI के बिनॉय विश्वम, टीएमसी के शांता छेत्री और शिवसेना के अनिल देसाई शामिल हैं. निलंबन नोटिस में कहा गया कि सांसदों ने 11 अगस्त को मानसून सत्र के आखिरी दिन अपने हिंसक व्यवहार से और सुरक्षाकर्मियों पर जानबूझकर किए गए हमलों से सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया.