फ्लोर टेस्ट पर बोले शिवराज सिंह- ‘हम तोड़-फोड़ की राजनीति के पक्ष में नहीं, वे खुद गिराना चाहते हैं सरकार’

नई दिल्लीः एग्जिट पोल के नतीजों के बाद से ही मध्य प्रदेश में लगातार फ्लोर टेस्ट की मांग उठ रही है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने और फ्लोर टेस्ट पर विचार करने की बात कहने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनके चैलेंजको स्वीकार करते हुए मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट कराने की बात कही थी. जिसके बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह फ्लोर टेस्ट और तोड़-फोड़ की राजनीति में विश्वास नहीं करते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि ‘मैं तोड़ने-फोड़ने की राजनीति के पक्ष में नहीं हूं. उन्हीं के बीच सरकार गिराने के लक्षण दिखाई दे रहे हैं.’

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस के विधायक के पास और कोई काम नहीं है क्या, जो आतंवादियों को सामान भेजने की पैरवी कर रहे हैं. कह रहे हैं जेल डीजी को हटवा दो या मैं खुद देख लूंगा. मैं राहुल गांधी से मांग करता हुं कि उनके विधायक की इस मांग पर उनकी क्या राय है. जेल की सुरक्षा रखनी होगी. कोई अधिकारी ईमानदारी से ड्यूटी कर रहा है तो उनको धमकाया जा रहा है. मुझे तो लग रहा है कि कांग्रेस के लोग ही गलत काम करके उनकी सरकार न गिरा दें.’

फ्लोर टेस्ट पर उन्होंने कहा कि ‘BJP ने कभी फ्लोर टेस्टिंग की बात नहीं कही और न ही बीजेपी इस पर विश्वास करती है.’ वहीं कर्ज माफी पर शिवराज सिंह बोले कि ‘कांग्रेस कह रही है कि कर्ज माफ हो गया. मैं पूछता हूं कहां से कर्ज माफ हो गया. कमलनाथ जी जनता के बीच जाओ. किसानों से मिलो, फिर बताना कहां कर्जमाफी हुई और कहां नहीं. किसानों के साथ धोखा हुआ है, छल हुआ है. मैंने कहा छिंदवाड़ा कलेक्टर ने गलत किया है, किसी ने नहीं माना, लेकिन चुनाव आयोग ने माना.’

वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजे पर पूर्व सीएम बोले कि ‘NDA आत्मविश्वास से भरा हुआ है, एक बार फिर मोदी जी ही प्रधानमंत्री बनेंगे. विपक्ष समझ गया है कि वह नहीं जीत रहा है, तो अब सोच रहा है कि हार का ठीकरा किसके सिर फोड़ा जाए. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हम हारे, तो हमने हार स्वीकार की, लेकिन EVM पर ठीकरा नहीं फोड़ा. विपक्ष जनता का अपमान कर रही है. मतदान करवाने वाले अधिकारी, कर्मचारी का अपमान कर रही है. मैं उनसे बोलता हूं, कृप्या लोकतंत्र का अपमान न करें.’

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