विपक्षी दलों को EC से झटका, काउंटिंग से पहले VVPAT पर्चियों के मिलान की मांग खारिज
चुनाव आयोग ने बुधवार को विपक्षी दलों की मांग को लेकर बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने विपक्षी पार्टियों की वीवीपैट को लेकर की गई मांग को खारिज कर दिया है।
इससे पहले मंगलवार को ईवीएम एवं वीवीपीएटी के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित 22 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव आयोग का रुख किया और उससे यह आग्रह किया कि मतगणना से पहले चुनिंदा मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाए। विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि यदि किसी एक मतदान केंद्र पर भी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं कहा था कि हमनें मांग की है कि वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान पहले किया जाए और फिर मतगणना की जाए। यह हमारी सबसे बड़ी मांग हैं। उन्होंने कहा कि अगर पांच मतदान केंद्रों के वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती में गड़बड़ी पाई जाए तो पूरे विधानसभा क्षेत्रों में पर्चियों में गिनती की जाए। यह हमारी दूसरी मांग है।
विपक्षी नेताओं ने कई स्थानों पर स्ट्रांगरूम से ईवीएम के कथित स्थानांतरण से जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई की मांग की। बसपा के दानिश अली ने कहा, ‘स्टांगरूम को लेकर जो शिकायतें थीं वे हमने चुनाव आयोग के समक्ष रखी हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश का प्रशासन मनमानी कर रहा है क्योंकि भाजपा को पता है कि जनता का क्या फैसला दिया है। अब वे हेराफेरी करना चाहते हैं।’