बंगाल / नादिया में भाजपा कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या, पार्टी ने तृणमूल पर लगाया आरोप

कोलकाता. पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर भाजपा कार्यकर्ता की हत्या कर दी। घटना शुक्रवार रात को चकदाह इलाके में हुई। 25 साल के संतु घोष कुछ दिन पहले ही तृणमूल का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा नेताओं ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर यह हत्या करवाने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद बैरकपुर सीट के कई शहरों में हिंसा हुई। धमाके में एक व्यक्ति की जान गई।

पुलिस के मुताबिक, संतु रात करीब 9 बजे घर लौटे थे। कुछ देर बाद दो लोगों ने उन्हें बाहर बुलाया और गोली मारकर फरार हो गए। परिजन संतु को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। संतु के पिता कोलकाता के ज्वेलरी शोरूम में काम करते हैं। उन्होंने कहा- मुझे बेटे के भाजपा में शामिल होने की जानकारी नहीं थी। हालांकि, वह तृणमूल नेता पिंटू नाग का करीबी था।

संतु भाजपा के चुनाव अभियान में सक्रिय था
भाजपा युवा मोर्चा के कौशिक भौमिक ने आरोप लगाया कि संतु को तृणमूल छोड़ने की वजह से ही मार दिया गया। वे भाजपा के चुनाव अभियान में बेहद सक्रिय रहे। गुरुवार को विजयी जुलूस में भी शामिल हुए थे। पिछले कुछ दिनों से उसे धमकियां मिल रही थीं। भाजपा का आरोप है कि तृणमूल संदेश देना चाह रही है कि जो भी तृणमूल से अलग होगा, उसका अंजाम संतु जैसा होगा।

मोदी ने जान गंवाने वाले कार्यकर्ताओं को जीत समर्पित की थी

फरवरी में भी नादिया के एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या हुई थी। चुनाव के दौरान बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं पर कई जानलेवा हुए। लोकसभा चुनाव में भाजपा को बंगाल में भारी बढ़त मिली। यहां पार्टी ने 18 सीटों पर जीत हासिल की।वहीं, 2014 में भाजपा को सिर्फ दो पर जीत मिली थी। तृणमूल ने 2014 में 34 सीटें जीती थीं। इस बार उसे 22 पर जीत मिली। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भाजपा की ऐतिहासिक जीत को पश्चिम बंगाल और केरल में मारे गए कार्यकर्ताओं को समर्पित किया था।

तृणमूल को उसी की भाषा में जवाब देंगे: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कार्यकर्ताओं पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तृणमूल के गुंडे विपक्ष के नेताओं और उम्मीदवारों पर लगातार हमला कर रहे हैं। ममता बनर्जी की पार्टी हार स्वीकार नहीं कर पा रही है। उन्हें नतीजों को सही भावना के साथ देखना चाहिए। अगर तृणमूल हिंसा को धमकाने के लिए इस्तेमाल कर रही है और हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला जारी रखे तो हम भी उसी तरह जवाब देंगे।

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