अगर कोई गलत काम कर रहा है तो उसे रोकना चाहिए, भले ही वह व्यक्ति ताकतवर हो
कहानी – रामायण का किस्सा है। हनुमान जी देवी सीता की खोज में लंका के बाहर पहुंच गए थे। वे विचार कर रहे थे कि लंका के अंदर किस तरह प्रवेश करूं? अंदर जाकर सीता जी के बारे में सूचना लेना है और श्रीराम तक वह सूचना पहुंचाना है।
लंका की सुरक्षा व्यवस्था बहुत पुख्ता थी। चारों ओर राक्षस पहरा दे रहे थे। हनुमान जी एक कला जानते थे छोटा होने की। हनुमान जी ने अपना आकार मच्छर की तरह कर लिया। वे लंका में प्रवेश करने ही वाले थे, तभी उन्हें लंकिनी नाम की एक राक्षसी ने पकड़ लिया।
हनुमान को बड़ा आश्चर्य हुआ कि इतने छोटे रूप में भी मैं पकड़ा गया। बहुत पुख्ता व्यवस्था है रावण की। लंकिनी ने हनुमान जी से कहा, ‘मैं यहां की सुरक्षा अधिकारी हूं और चोरों को पकड़ना मेरा काम है।’
हनुमान जी ने कहा, ‘सबसे बड़ा चोर तो तेरा मालिक रावण है। वह हमारी मां सीता को चुरा लाया है।’ हनुमान जी ने सोचा कि जो सुरक्षा व्यवस्था चोरों की रक्षा करने लग जाती है, उस पर प्रहार करना जरूरी है।
हनुमान जी ने उस राक्षसी को एक मुक्का मार दिया। मुक्का लगते ही लंकिनी नीचे गिर गई और हनुमान जी लंका में प्रवेश कर गए।
सीख – इस किस्से से हमें दो संदेश मिल रहे हैं। पहला, हमें कब बड़ा होना है और कब छोटा, ये बात हमेशा ध्यान रखें। अधिकतर लोग अपने घर-परिवार और समाज में अहंकार की वजह से सही जगह पर भी झुकते नहीं हैं, इस कारण नुकसान होता है। दूसरी बात, अगर कोई व्यक्ति बहुत ताकतवर है और कोई गलत काम कर रहा है तो उसे रोकना चाहिए।