Shrikant Sharma Profile : बचपन में क्रिकेटर बनना चाहते थे श्रीकांत शर्मा, छात्रसंघ अध्यक्ष से कैबिनेट मंत्री तक सफर तय कर चुके हैं
श्रीकांत शर्मा ने छात्र राजनीति से अपना सियासी सफर शुरू किया है. वह डीयू के पीजीडीएवी कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके बाद वह लंबे समय तक बीजेपी संगठन में काम कर चुके हैं. 2022 के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें दूसरी बार मथुरा से टिकट दिया है.
उत्तर प्रदेश की सियासत (UP Politics) में श्रीकांत शर्मा (Shrikant Sharma) किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. भले ही वह उत्तर प्रदेश की सियासत का नया चेहरा हैं, लेकिन उनका सियासी संघर्ष बड़ा और राजनीतिक जड़ें बेहद गहरी रही हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा बचपन में क्रिकेटर (Cricketer) बनाना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. समय के साथ ही भाग्य श्रीकांत शर्मा को राजनीति की तरफ ले जाता गया और मथुरा का लड़का पढ़ाई के लिए दिल्ली पहुंचा तो छात्र राजनीति में सक्रिय हो गया. छात्र राजनीति की सक्रियता धीरे-धीरे राजनीतिक भविष्य बना और एक लंबे राजनीतिक संघर्षपूर्ण यात्रा के बाद श्रीकांत शर्मा की उत्तर प्रदेश योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री बने.
1991-92 में पीजीडीएवी कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे श्रीकांत शर्मा
श्रीकांत शर्मा का जन्म 1 जुलाई 1970 को मथुरा जिले के गांठोली गांव में हुआ था. इनके पिता का नाम और राधा रमण शर्मा और माता का नाम शारदा देवी था. इनके पिता पेशे से अध्यापक थे और संघ के स्वयंसेवक भी थे. पंडित श्रीकांत शर्मा की शादी शालिनी शर्मा से हुई है उनके दो बच्चे शुभम और सार्थक हैं. पंडित श्रीकांत शर्मा के शुरुआती पढ़ाई डीएवी स्कूल गोवर्धन से हुई थी. इसके बाद महात्मा गांधी स्मारक कॉलेज सौंख और किशोरी रमन इंटर कॉलेज मथुरा से उन्होंने पढ़ाई की थी. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली चले आये.
पंडित श्रीकांत शर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी. यहीं से वह 1989 से 90 के दौर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े और राजनीति में सक्रिय हुए. वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा चलाए गए ‘चलो कश्मीर’ आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए थे. 1991-92 में वह पीजीडीएवी कॉलेज में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे. उसके बाद उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का सदस्य बनाया गया. यहीं दौर था उन्होंने अपनी पहचान एक कुशल संगठनकर्ता के तौर पर बनाई.
भाजपा में मिली मीडिया प्रबंधन की जिम्मेदारी
1993 में दिल्ली विधानसभा के चुनाव के दौरान उन्होंने एक संगठनकर्ता के तौर पर शानदार काम किया था, जिसके बाद उन्हें कई चुनावों में मीडिया प्रबंधन की जिम्मेदारी भी बीजेपी आलाकमान ने दी थी. श्रीकांत शर्मा को जुलाई 2014 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और मीडिया सेल की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसे उन्होंने बखूबी अंजाम दिया था.
2017 में बने पहली बार विधायक फिर मंत्री, इस बार भी मथुरा से मैदान में हैं शर्मा
2017 के विधानसभा चुनाव में श्रीकांत शर्मा को मथुरा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप माथुर को एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था. 2017 विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में बनी बीजेपी सरकार में उन्हें ऊर्जा विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया. 2022 के चुनाव में वह फिर मथुरा से चुनावी मैदान में हैं.